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पवन कुमार सिंह को मिला बनादास अवधी सम्मान


सुलतानपुर । कादीपुर तहसील के रानेपुर गांव निवासी पवन कुमार सिंह को हिंदुस्तानी एकेडेमी का बनादास अवधी सम्मान मिला है । शुक्रवार को देर शाम घोषित हुए पुरस्कारों में पवन कुमार सिंह की पुस्तक 'मंगल होई बिहान' को एक लाख रुपए के बनादास अवधी सम्मान से सम्मानित किये जाने की घोषणा हुई है ।

यह जानकारी देते हुए चर्चित साहित्यिक संस्था अवधी मंच के सचिव व राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने बताया कि  अवधी भाषा की पुस्तकों पर दिया जाने वाला यह सर्वश्रेष्ठ सम्मान है । ज्ञानेन्द्र विक्रम सिंह रवि ने कहा कि 2020 में प्रकाशित पवन कुमार सिंह की पुस्तक 'मंगल होई बिहान' दोहों में लिखा एक नये तरह का बारहमासा है जो ग्रामीण जीवन पर आधारित है ।इस पुस्तक में अवधी भाषा में रचित एक हजार पच्चीस दोहों का संग्रह है । इनमें अवध क्षेत्र के गांवों में हर महीने होने वाले कृषि कार्य ,तीज त्यौहार व सामान्य रहन-सहन का वर्णन किया गया है । एक मई उन्नीस सौ अठहत्तर को रानेपुर गांव में जन्मे पवन कुमार सिंह प्रख्यात साहित्यकार डॉ आद्या प्रसाद सिंह प्रदीप के पुत्र हैं । पवन की अब तक चार पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं  । विभिन्न संस्थाओं से लगभग आधा दर्जन सम्मान भी पवन को प्राप्त हो चुका है । के.एन.आई.प्राचार्य डॉ राधेश्याम सिंह ने इस महत्वपूर्ण पुरस्कार को जनपद का गौरव बताया है । वरिष्ठ साहित्यकार कमल नयन पाण्डेय ,डॉ.ओंकारनाथ द्विवेदी ,आशुकवि मथुरा प्रसाद सिंह जटायु , सुशील कुमार पाण्डेय साहित्येन्दु , डॉ.शोभनाथ शुक्ल , दिनेश प्रताप सिंह चित्रेश , डॉ.डी.एम.मिश्र, ब्रजेश कुमार पाण्डेय इन्दु, कृष्ण मणि चतुर्वेदी मैत्रेय समेत अनेक साहित्यकारों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इस सम्मान को सुलतानपुर के साहित्यिक जगत की बड़ी उपलब्धि  बताया है ।

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