शिवाजी पार्क को बचाने के लिए मोहल्ले वासियों ने चेयरमैन से लगाई थी गुहार
बैंक कॉलोनी के सदस्य /पालिका की संयुक्त पैरवी पर एसडीएम ने खारिज किया था दावा
सुलतानपुर। पयागीपुर बैक कालोनी स्थित निर्माणाधीन शिवाजी पार्क में सच्चाई सामने आने लगी है।यहां कूट रचित दस्तावेज के जरिये कालोनी में एलॉट पार्क की जमीन को हड़पने का षडयंत्र रचाजा रहा था ।लेकिन मोहल्लेवासियों और चेयरमैन की संयुक्त पैरवी पर उक्त निर्माण को अंतिम रूप दिया जा रहा है । विपक्ष की तमाम नाकाम कोशिशों के बावजूद शिवाजी पार्क के निर्माण का सपना जल्द ही पूरा होगा।हालांकि इस मामले में एक नए रहस्य से पर्दा उठा बाकी है।वादी सुशीला सिंह (वन्दना सिंह को माता) अपनी एप्लीकेशन में ही घिरती नजर आ रहीं है जिसमें उन्होंने रुबैका शिक्षण संस्थान द्वारा संस्था संचालित होंने का दावा किया है ,जो नगरपालिका के रामलीला मैदान पर चल रहे स्कूल की कहानी से मेल खाती है जो कागज पर तो है लेकिन हकीकत में दूर-दूर तक नहीं है।फ़्लैश बैक पर नजर डालें तो रुबैका शिक्षण संस्थान 30 नवंबर 2004 को रजिस्टर्ड हुई और बैंक कालोनी द्वारा एलॉट पार्क की जमीन से कब्जा जाता देख बीते 27 फरवरी को उक्त संस्थान का नवीनीकरण करा कर जमीन पर पार्क की जमीन पर कब्जा करने का षडयंत्र रचा।भनक लगते ही एक इंटरलॉकिंग सड़क का उद्घाटन करने के दौरान चेयरमैन प्रतिनिधि पति अजय जायसवाल ने स्थानीय सभासद और मोहल्लेवासियों की शिकायत और माँग पर पार्क बनाने की हरी झंडी दी ।इसके बाद विशाल कंस्ट्रक्शन को डीएम के आदेश पर बीते 17 दिसंबर को कार्य करने का ठेका दिया गया । शिवाजी पार्क का निर्माण बीते दिसंबर माह से हो रहा है । चेयरमैन प्रतिनिधि पति अजय जायसवाल ने बताया कि मोहल्ले वालों की मांग थी कि पार्क बनाया जाय। तदोपरांत 22 लाख 16 हजार 94 रुपए का आकलन पार्क निर्माण के लिए 14वें वित्त में जिलाधिकारी द्वारा फाइल अनुमोदित की गई ।जल्दी शिवाजी पार्क का उद्घाटन स्थानीय नागरिकों की मौजूदगी में किया जाएगा।निर्माण स्थल पर डटीं चैयरमैन बबिता जायसवाल ने कहा यहां किसी का भी अनाधिकृत दावा होने नहीं दिया जाएगा ।इसी क्रम में आज विपक्षी अजय विक्रम सिंह थाना दिवस पर एसडीएम सदर रामजीलाल से मिलकर पार्क निर्माण कार्य को रोक लगाने के लिए दरखास दिया लेकिन असलियत जानते हुए एसडीएम सदर ने कोई स्टे देने से इंकार कर दिया बीते नौ मार्च को दावा ख़रीज करते हुए एसडीएम कोर्ट ने वादी को जेल भेजने की चेतावनी देकर छोड़ दिया।पता चला है कि 21 अगस्त 1982 को सोसायटी ग्रामीण बैंक कर्मचारी सहकारी आवास समिति लखनऊ द्वारा रजिस्टर्ड हुई ।जिसमें 50 सदस्य बने ।उस समय विनियमित क्षेत्र का अस्तित्व नही होने के कारण सोसाइटी ने तय किया कि प्लाटिंग करके आवास ,नाली, वाचनालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, बनाकर मोहल्ले को एक मॉडल रूप दिया जाएगा ।बकौल चेयरमैन प्रतिनिधि अजय जायसवाल 12 अक्टूबर 1982 को 50 लोगों ने 5 बीघा 6 बीघा 13 धुर का बैनामा लिया था। यह बैनामा शारदा प्रसाद मिश्रा से लिया गया था ।उक्त समय रिजवी का स्टेशन से नक्शा बनवाया गया।उक्त भूखंड पर 50 प्लाट बनाए गए ।पार्क के लिए प्लाट संख्या 08,09 बनाया गया ।वही अनधिकृत लोग विवाद की स्थिति खड़ा कर रहे हैं।प्लाट संख्या 06 में जय बहादुर सिंह के नाम एलाट हुआ जो उनकी मृत्यु के पश्चात अजय विक्रम ने अपनी बहन वंदना सिंह के नाम बैनामा करवाया था।बीते दिन एसडीएम सदर कार्यालय से दाल नहीं गली तो अब वादी ने तथ्यों को छुपाते हुए न्यायालय सिविल जज प्रवर खंड के यहां बीते 10 मार्च को स्थगन आदेश लेने का असफ़ल प्रयास किया । इधर खबर लिखे जाने तक मोहल्लेवासी निर्माण कार्यदाई संस्था के साथ पार्क निर्माण में सहयोग कर रहे थे।दीगर होकि पूर्व के जिलाधिकारी ने पुलिस और विनियमित क्षेत्र के अधिकारियों को भेजकर अवैध निर्माण के मंसूबे को फेल किया था।
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