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कानपुर में शादी अनुदान में बड़ा फर्जीवाड़ा, करीब 75 फीसदी आवेदन फर्जी


लखनऊकानपुर शहर में उत्तर प्रदेश सरकार की गरीबों की शादी के लिए दिए जाने वाली अनुदान योजना में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. शादी अनुदान प्राप्त करने के लिए लेखपाल-बाबुओं की मिलीभगत का खुलासा भी जांच में हुआ है. सदर तहसील में प्राप्त अनुदान के आवेदनों में घपला पता लगने के बाद एक दंपत्ति समेत दो लेखपालों पर FIR करा दी गई है. साथ ही जिलाधिकारी ने इस मामले में तीन सदस्यीय कमेटी गठित करते हुए दो साल में बांटे गए अनुदानों की विस्तृत जांच के आदेश भी दे दिए हैं. कानपुर के जिलाधिकारी ने जांच के आदेश देते हुए साल 2019-20 और साल 2020-21 के कुल 1700 से अधिक मामलों की जांच के लिए समिति गठित कर दी है.दरअसल, समाज कल्याण विभाग की शादी अनुदान योजना में रैंडम आधार पर जांच कराई गई थी. जांच के दौरान कुछ आवेदन फर्जी पाए गए. जो पात्र नहीं थे उन्हें भी शादी का अनुदान दे दिया गया. तहसील सदर के दो लेखपालों ने फर्जी रिपोर्ट लगाई गई थी जिसके बाद SDM सदर ने उन्हें निलंबित कर दिया है. इस प्रकरण का संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी ने समिति गठित की है, जिसमें ADM सिविल सप्लाई की अध्यक्षता में शादी अनुदान के मामलों की जांच करेगी.सूत्रों की मानें तो पिछले दो साल में करीब 4 करोड़ रुपये का दिया गया शादी अनुदान  समाज कल्याण विभाग ने पिछले दो साल में 17 सौ से अधिक लोगों को लेखपाल की जांच रिपोर्ट सही मानते हुए करीब 4 करोड़ रुपये शादी अनुदान दे दिया था. अब सीडीओ कानपुर नगर की जांच में 75 फीसदी आवेदन फर्जी पाए गए हैं. वहीं, विभाग अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ता दिख रहा है. विभाग ने पूरा दोष जांच करने वाले लेखपालों और कानूनगो पर मढ़ दिया गया है.


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