हाइटेक होगा कोरोना वैक्सीनेशन
ऐप वैक्सीन के स्टोरेज से लेकर हेल्थ सेंटर, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल या वैक्सीनेशन सेंटर तक के सफर को ट्रैक करेगा। अगर कहीं स्टॉक खत्म हो रहा है तो यह ऐप उस पर भी नोटिफिकेशन भेजेगा। पूरे सफर में वैक्सीन के तापमान पर ऐप नजर रखेगा।कोविन एप के जरिए लोग अपने वैक्सीनेशन का शेड्यूल, लोकेशन और यहां तक कि वैक्सीन कौन लगाएगा, इसका विवरण भी पता कर पाएंगे। एक बार वैक्सीन की डोज लग गया, तो एप एक सर्टिफिकेट भी मिलेगा। इसे डिजिलॉकर में भी सेव किया जा सकेगा।केंद्र सरकार वैक्सीन निर्माताओं से सीधे डोज खरीदेगी। राज्य सरकारें उन इमारतों की पहचान कर रही हैं, जिन्हें वैक्सीनेशन बूथ की तरह इस्तेमाल किया जा सके।स्कूलों, पंचायती इमारतों और आंगनबाड़ी केंद्र की बिल्डिंग का इस्तेमाल भी हो सकता है।देश के सभी जिलों में करीब 28,000 वैक्सीन स्टोरेज सेंटर हैं, जो ईविन से जुड़े हैं। परिवहन में करीब 40,000 फ्रंटलाइन वर्कर्स हैं।स्टोरेज का तापमान चेक करने के लिए करीब 50 हजार तापमान लॉगर्स हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के पास इलेक्ट्रॉनिक वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क यानी ईविन जैसा डिजिटल प्लेटफॉर्म पहले से मौजूद है। सरकार इसके डाटा को कोविन ऐप से जोड़ सकती है।
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