मां भगवती की आराधना में लीन हुए श्रद्धालु
सुलतानपुर।शारदीय नवरात्र के पहले दिन से ही आस्था के आगे कोरोना हारता दिखाई पड़ा।कहीं कोरोना का खौफ नहीं,बल्कि हर किसी के मन में श्रद्धा व विश्वास और चेहरे पर अजब उत्साह दिख रहा था।यही स्थिति बच्चों से लेकर बुजुर्गो तक दिखाई पडी।सुबह उठकर कोई फूल के लिए डलिया लेकर निकल पड़ा तो कोई पूजा के कमरे की सफाई में लग गया। हर तरफ बस यही इच्छा कि मां की पूजा कितनी जल्दी शुरू हो जाए और उनके समक्ष शीश झुकाकर आशीर्वाद प्राप्त कर लें।घरों में पूजा-अर्चना करने के बाद हर कदम देवी मां भगवती दर्शन करने मन्दिरों की तरफ चल पड़े। स्थानीय कुड़वार क्षेत्र में चाहे प्रमुख शीतला माता मंदिर हो या दुर्गा माता मंदिर या अंबे माता मंदिर अन्य किसी देवी मां के मंदिर रहे हों श्रद्धालुओं ने पूजन-अर्चन कर मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।
।कुड़वार क्षेत्र के सोहगौली ग्रामसभा के कामापुर गांव में सड़क के बगल करीब पचास बरस पहले बना मां जालपा देवी मंदिर के नाम से प्रसिद्ध मन्दिर में शाम की आरती ने मन मोह लिया। माता की अनन्य मुख्य पुजारी मां श्रीमती लाल मनी पाण्डे़य ने बताया कि पहले दिन लोगों ने व्रत रखकर अपने घरों में कलश स्थापित किया और दुर्गा सप्तशती का पाठ कराया तो कुछ लोगों ने खुद पाठ की शुरुआत किया। इसके बाद लोग देवी जालपा माता देवी के दर्शन के लिए सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे।आपको बताते चलें कि कोरोनावायरस संक्रमण के कारण कुड़वार क्षेत्र के ज्यादातर देवी मंदिरों में भक्तों की ज्यादा भीड़ कम दिखाई पड़ी। कुड़वार थाना गेट के सामने बने शीतला माता मंदिर के अध्यक्ष एवं पुजारी ओम प्रकाश चौहान बताते हैं कि सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने माता दरबार में नारियल-चुनरी व पुष्पमाला चढ़ाकर शीश झुकाया और परिवार के सुख समृद्धि की कामना किया।बाजार के मुख्य बाजार (चौक)पर स्थित मंडी मोड़ पर बने देवी के मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं के पहुंचने का जो क्रम शुरू हुआ वह दोपहर तक जारी रहा। यहां देवी दर्शन के लिए लोगों को प्रतीक्षा भी करना पड़ा,कारण कि मां का दरबार में जगह के अभाव के हिसाब से छोटा दिखाई पड़ा, दर्शनार्थी पुरूषों के साथ-साथ माताएं,बहनें पुष्पमाला,धूप-दीप आदि अर्पित कर मां से परिवार के सुख समृद्धि की कामना किया।क्षेत्र के सभी देवी मां के मंदिरों में घण्टे-घड़ियाल गूंजायमान रहे।एक तरफ आवाज गूंजती '"बोलो दुर्गा माता की जय "",""सांचे दरबार की जय "" तो दूसरी तरफ उतने ही जोश से उपस्थित लोग दोहरा रहे थे। मंदिर परिसर के बाहर फल-फूल व नारियल-चुनरी की छोटी छोटी दुकानें सजी दिखाई पड़ीं।क्षेत्र के भण्ड़रा पूरे कालू पाठक स्थित बाबा भोगाइत मन्दिर एवं हनुमानगढ़ी व दुर्गा मंदिर,चन्द्रकला देवी मंदिर,सोहगौली माता काली मंदिर,भदहरा दुर्गा मंदिर में भी श्रद्धालु भक्त सुबह से ही दर्शन कर आते जाते रहे।हर कोई देवी आराधना में लीन दिखाई दिया।
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