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समुचित सिंचाई व्यवस्था न होने से सूख रहे हैं किसानों के धान


सुलतानपुर।स्थानीय विकास खण्ड कुड़वार के लगभग सभी क्षेत्रों में सिंचाई की समुचित व्यवस्था न होने से अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों की फसल धान सूखने लगी है। गौरतलब हो कि विगत पन्द्रह दिनों से बारिस नहीं होने से अब किसानों के लिए धान फसल बचाने का संकट आ खड़ा हुआ है।कुड़वार विकास खण्ड के भण्ड़रा पूरे कालू पाठक निवासी देवनाथ पाण्डेय अपना दर्द सुनाते हुए बताते हैं कि इस बार जून के प्रथम पखवाड़े से अच्छी शुरू हुई बारिश से सोचा इस बार धान की फसल अच्छी होगी। लेकिन एक तरफ बारिश नहीं हो रही है तो दूसरी तरफ लो वोल्टेज होने से नलकूप (ट्यूवेलें) पानी नहीं उठा पा रहीं हैं। लगभग एक एकड़ में धान की खेती किया हूं लागत अभी तक लगभग 8-10हजार तक खर्च हो चुके हैं परन्तु अब लगता है सब खत्म हो जाएगा।आपको बताते चलें कि क्षेत्र के भण्ड़रा ग्राम सभा के पूरे कालू पाठक, पूरे ललक तिवारी, चन्द्रकला,सोहगौली, प्रतापपुर,भगवानपुर समेत कई जगहों पर धान की फसल को समुचित सिंचाई व्यवस्था न होने से सूख रहे हैं।यही हाल पूरे ललक तिवारी निवासी अनिल तिवारी बताते हैं समय से शुरू हुई बारिस को देखते हुए लगभग आधे हेक्टेयर में धान की खेती किया हूं इस समय गलेथ पर चल रहा है लेकिन बारिश साथ नहीं देने व समुचित सिंचाई व्यवस्था न होने से अब सूखने की कगार पर है।किसान यूनियन कुड़वार ब्लाक अध्यक्ष सहदेव पाठक का कहना है कि किसानों का अनदेखी नहर विभाग भी कर रहा है। बताते हैं कि लगभग तीन चार वर्षों से शारदा सहायक खण्ड 49की शाखा औरंगाबाद डी वाई से निकली अल्पिका सोहगौली माइनर में पानी आना तो दूर की बात है लगभग चार सालों में कभी भी माइनर की सिंचाई नहर विभाग द्वारा सिल्ट सफाई तक नहीं कराया गया है। बताते चलें कि भण्ड़रा क्षेत्र के पूरे कालू पाठक, चंद्रकला,सोहगौली,गजेहडी़ के कई किसानों के खेतों की सिंचाई पूर्व में इसी सोहगौली माइनर द्वारा की जाती रही थी लेकिन नहर विभाग की लचरता का दंश किसानों को भुगतना पड़ रहा है। किसान यूनियन कुड़वार ब्लाक अध्यक्ष सहदेव पाठक ने बताया कि यदि नहर व विद्युत विभाग द्वारा किसानों की समस्याओं का ध्यान नहीं दिया गया तो कुड़वार विकास खण्ड पर किसानों को लेकर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।लो वोल्टेज आने पर निजी नलकूप मालिक आनन्द प्रकाश मिश्रा,आलोक दूबे समेत कई का कहना है बिजली इतनी कम मिल रही है जिसके कारण ट्यूवेलें पानी नहीं उठा रहीं हैं।

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