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स्वतंत्रता दिवस पर कैसे अलग होगा लाल किले का नजारा


नई दिल्ली । स्वतंत्रता दिवस के जश्न के तरीके को भी बदलकर रख दिया है कोरोना वायरस ने। पिछले साल की तरह इस बार भी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराया जाएगा, इस साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही होंगे, मगर कोरोना की वजह से कुछ चीजें नहीं दिखेंगी और कुछ नजारे बदले हुए नजर आएंगे। शुक्रवार को जब लाल किले की प्राचीर से झंडा फहराया जाएगा तो बहुत कुछ पहली बार दिखेगा। मसलन, हर साल की तुलना में मेहमान कम होंगे, सुरक्षा में तैनात पुलिस और सुरक्षाबल पीपीई किट में होंगे और जो भी फोटो जर्नलिस्ट होंगे, उन सभी का कोरोना टेस्ट हुआ होगा। तैयारी में जुटे गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि जैसा कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी देश को संबोधित करते हैं, वह पिछले साल के समारोह में आए मेहमानों के पांचवें भाग से घिरे होंगे। स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए आने वाले 140 मेहमानों में कैबिनेट मंत्री, वरिष्ठ नौकरशाह और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश शामिल होंगे। इस बार किसी भी वीआईपी के पति या पत्नी को आमंत्रित नहीं किया गया है और अधिकांश मेहमानों को प्राचीर से नीचे बैठाया जाएगा।गृह विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने कहा, 'पिछले साल प्राचीर पर करीब 800-900 मेहमान थे। इनमें से मुख्य रूप से वे थे जो वीवीआईपी मेहमानों के साथ आए थे। सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए इस साल मेहमानों की संख्या बहुत कम रखी गई है। अधिकांश मेहमानों को प्राचीर से नीचे बैठाया जाएगा। कुछ मेहमान अपने स्वास्थ्य की  चिंताओं को लेकर नहीं आ सकते हैं।इस साल समारोह के प्रोटोकॉल के अनुसार, कोई भी मेहमान अपने जीवनसाथी के साथ नहीं आएगा, न तो कोई भोजन काउंटर होगा, न कोई स्वतंत्रता सेनानी मौजूद होंगे और न ही वीआईपी के साथ कोई खुली बातचीत होगी।यहां तक कि प्राचीर पर हर साल मौजूद रहने वाले फोटोग्राफरों की संख्या भी कम कर दी गई है। पिछले साल 80 से 90 फोटोग्राफर्स की तुलना में इस साल मात्र 10 फोटोग्राफर्स मौजूद रहेंगे। बुधवार को सरकार ने उन 10 फोटोजर्नलिस्ट का कोरोना टेस्ट कराया, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के दौरान प्राचीर पर उनके आस-पास होंगे।  

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