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वाराणसी के NGO से संवाद किया पीएम मोदी ने


नई दिल्ली । कोरोना लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की मदद और सेवा करने वाले काशी के लोगों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संवाद किया। पीएम मोदी ऐसे लोगों और संस्थाओं के प्रतिनिधियों से वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के जरिये बात की, जो कोरोना काल में लोगों की मदद के लिए आगे आए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान शंकर का ही आशीर्वाद है कि कोरोना के इस संकट काल में भी हमारी काशी उम्मीद से भरी हुई है, उत्साह से भरी हुई है।
ये सही है कि लोग बाबा विश्वनाथ धाम नहीं जा पा रहे
ये सही है कि मानस मंदिर, दुर्गाकुंड, संकटमोचन में सावन का मेला नहीं लग पा रहा है।लेकिन ये भी सही है कि इस अभूतपूर्व संकट के समय में और मेरी काशी, हमारी काशी ने, इस अभूतपूर्व संकट का जटकर मुकाबला किया है।
आज का ये कार्यक्रम भी तो इसी की एक कड़ी ही है।संक्रमण को रोकने के लिए कौन क्या कदम उठा रहा है, अस्पतालों की स्थिति क्या है, कहां क्या व्यवस्थाएं की जा रही हैं, क्वारंटीन को लेकर क्या हो रहा है, बाहर से आए श्रमिक साथियों के लिए क्या प्रबंध हो रहे हैं, ये सारी जानकारियां मुझे मिल रही थीं।पुरानी मान्यता है कि एक समय महादेव ने खुद मां अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगी थी।तभी से काशी पर ये विशेष आशीर्वाद रहा है कि यहां कोई भूखा नहीं सोएगा, मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ, सबके खाने का इंतज़ाम कर देंगे।आप सभी के लिए, तमाम संगठनों के लिए, हम सभी के लिए ये बहुत सौभाग्य की बात है कि इस बार गरीबों की सेवा का माध्यम भगवान ने हमें बनाया।एक तरह से आप सभी मां अन्नपूर्णा और बाबा विश्वनाथ के दूत बनकर हर ज़रूरतमंद तक पहुंचे:जब इस बार महामारी आई, तो सभी भारत को लेकर डरे हुए थे।इतनी आबादी, इतनी चुनौतियां, बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स निकल आए थे भारत पर सवाल खड़े करने के लिए।इसमें भी 23-24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश को लेकर तो शंकाएं-आशंकाएं और भी ज्यादा थीं।आज स्थिति ये है कि उत्तर प्रदेश ने न सिर्फ संक्रमण की गति को काबू में किया हुआ है बल्कि जिन्हें कोरोना हुआ है, वो भी तेज़ी से ठीक हो रहे हैं।इसकी बहुत बड़ी वजह आप सभी लोग हैं।हमारे बुनकर हों, नाव चलाने वाले हमारे साथी हों, व्यापारी-कारोबारी हों, सभी को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि, हमारा निरंतर प्रयास है कि सभी को कम से कम दिक्कत हो और बनारस भी आगे बढ़ता रहे।इस समय काशी में ही लगभग 8 हज़ार करोड़ रुपए के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स पर काम तेज़ी से चल रहा है।जब स्थितियां सामान्य होंगी तो काशी में पुरानी रौनक भी उतनी ही तेजी से लौटेगी।इसके लिए हमें अभी से तैयारी करनी होगी।सरकार के हाल के फैसलों के बाद यहां की साड़ियां, यहां के दूसरे हस्तशिल्प के लिए, यहां के डेयरी, मत्स्य पालन और मधुमखी पालन के व्यवसाय के लिए नई संभावनाओं के द्वार खुलेंगे।मैं किसानों से, युवा साथियों से भी ये आग्रह करूंगा कि इस प्रकार के व्यवसाय में बढ़चढ़ कर भागीदारी सुनिश्चित करें।हम सभी के प्रयासों से हमारी काशी भारत के एक बड़े Export Hub के रूप में विकसित होगी।

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