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कुशल श्रमिको के समायोजन की व्यवस्था हो- सीताराम सिंह


सुलतानपुर।कोरोना  वायरस यूं तो अपने मे वैज्ञानिक पहलू को छुपाए है परंतु सामाजिक दृष्टिकोण से इसका व्यापक असर जनमानस पर  दिख रहा है । समाज की गतिमान व्यवस्था को इसने  अस्थिर करके नूतन चुनौतियां  उत्पन्न कर दी है  इसके सूक्ष्म अध्धयन की आवश्यकता है । ये बातें ई-संगोष्ठी के समापन की अध्यक्षता करते हुए भारतीय समाजशास्त्रीय परिषद के अनुसंधान समिति 08(RC-08) के संयोजक  प्रो परवेज अब्बासी ने गनपत सहाय स्नातकोत्तर  महाविद्यालय सुलतानंपुर  के समाजशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार में कही। इस ई- सेमिनार का शीर्षक  कोविड-19 महामारी का पूर्वी उत्तर प्रदेश पर प्रभाव : एक सामाजिक अन्वेषण' था इस वेबिनार के संयोजक समाजशास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं अध्यक्ष डॉ. सीताराम सिंह  है।संगोष्ठी के दूसरे दिन प्रो आर एन त्रिपाठी सदस्य उच्चतर शिक्षा चयन आयोग ने कार्यक्रम के चतुर्थ सत्र का प्रारंभ अपने उदबोधन  से करते हुए कहा कि यह आजादी के बाद का सबसे बड़ा जनसमूह स्थान्तरण है, कोरोना से रोजी रोटी की समस्या होगी, न्यूनतम मजदूरी घटेगी हमें मनुष्यता का परिचय देना होगा तभी कोरेना से निजात मिलेगी। डॉ कनिका त्रिपाठी ने कोरेना समस्या की सामाजिकी दृष्टि से व्याख्या की। इस सत्र में डॉ शिखा श्रीवास्तव, डॉ दिव्या श्रीवास्तव, डॉ मनोज पांडेय, विजय शुक्ल, पंकज ने शोध पत्र प्रस्तुत किये। पंचम सत्र की अध्यक्षता कुशलता से राणा प्रताप स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो एम पी सिंह विशेन ने  की, उन्होंने ज्वलंत तात्कालिक विषय पर सेमिनार हेतु संयोजक डॉ सीताराम सिंह की प्रसंसा की और आशा किया कि अपनी जिजीविषा से हम कोरोना को अवश्य मात देगे। डॉ राममनोहर लोहिया विश्वविद्यालय अयोध्या के समाजशास्त्र के संयोजक डॉ हेमंत सिंह ने कहा हमें संवेदनशीलता, मानवीयता  की भावना बढ़ानी होगी,  कोरोना  से शारीरिक दूरी भले हो मानसिक दूरी से बचना चाहिए। इसी विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र प्री पीएचडी कोर्स के समन्वयक ए के श्रीवास्तव ने  कहा प्रवासी मजदूर हमारे मूल निवासी हैं हमें इनके कल्याण के लिए सोचना चाहिए। सरकार को लोकल मेड इन सिटी का नाम दे क्षेत्र की पहचान बढ़ानी चाहिये। इस सत्र में सन्तोष कुमार सिंह अंश ने कहा कि कोरोना ने दुनिया मे ठहराव ला दिया है, हम आर्थिक आचरण में इतना बढ़ गए कि मानवीय आचरण को दरकिनार कर दिए।  हमें मानव पूंजी को अर्जित करना होगा। उत्तम स्वास्थ्य नीतियां ,  ऑनलाइन शिक्षा नीतियां ने बनानी होगी। जिन नदियों और पर्यावरण को हम करोडों धन खर्च कर शुद्ध नही कर पाए जिसे कोरेना ने आकर शुद्ध कर दिया उसे अब हमें शुद्ध बनाये रखना होगा। अजय कुमार मिश्रा ने गोरखपुर और आस पास के क्षेत्र में कोरेना के असर का विश्लेषण प्रस्तुत किया। सोनी,प्रीति, अनिल यादव , विपिन तिवारी ने शोधपत्र प्रस्तुत किये।
ई-संगोष्ठी के समापन सत्र के मुख्य अतिथि वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ शोभनाथ यादव ने कहा कि कोरोना काल में हमे इस सामाजिक वैचारिक विश्लेषण से नए मार्ग मिलेंगे जो समाज कल्याण हेतु सरकारों को दिशा देगे । इसके पूर्व आपके षष्ठ  सत्र की अध्यक्षता में विभिन्न प्रतिभागियों ने कोरोना के विविध आयामों पर चर्चा - परिचर्चा की। इस वेबिनार के  संयोजक गनपत सहाय  स्नातकोत्तर महाविद्यालय के अध्यक्ष डॉ सीताराम सिंह ने अपने समापन धन्यवाद उदबोधन में कहा कि कोरोना ने मानसिक तनाव की स्थिति पैदा कर दी है,प्रवासी मजदूर घर के है अपने है इनके लिये कुछ करने की आवश्यकता है । कोविड-19 बीमारी से रोजी रोटी हिंसा एंव निवास की समस्या बढ़ेगी ।सरकार एवं ग्राम पंचायत अधिकारी इन समस्याओं को देखें कुशक श्रमिकों के समायोजन की व्यवस्था करें। इस  राष्ट्रीय सेमिनार (वेबिनार) के उद्घाटन से लेकर समापन के अतिरिक्त सभी छः सत्रों की सविस्तार रिपोर्ट राणा प्रताप पी जी कालेज बीएड विभाग के संतोष कुमार सिंह अंश ने प्रस्तुत की। वेबिनार से जुड़े सभी का धन्यवाद  ज्ञापन विभागाध्यक्ष डॉ सीताराम सिंह ने किया।सत्र के धन्यवाद ज्ञापन में डॉ शिखा श्रीवास्तव की अग्रणी भूमिका रही। महाविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग के डॉ अजय कुमार मिश्रा ने बेबिनार से जुड़े सभी का  बधाई दी। प्राचार्य अरुण कुमार मिश्र और और प्रबंधक  ओमप्रकाश पांडेय ने सफल कार्यक्रम हेतु डॉ सीताराम बधाई दी

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