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प्रीति के हत्याभ्युक्तों को फरार होने का मौका दे रही मुसाफिरखाना की पुलिस

सुल्तानपुर।ससुराल में विवाहिता की मौत के मामले में पुलिस अभी एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है ।मृतका के परिजनों का आरोप है कि बीते 17 तारीख की रात को ही दहेज के लालच में प्रीति की हत्या हो गई थी ।चोरी से अंत्येष्टि करने जा रहे दहेज लोभियों को डायल 112 की पुलिस द्वारा रोक लिए गए थे। पोस्टमार्टम के बाद प्रीति के शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया था।अंदर खाने की बात तो यह है कि कड़ी मशक्कत के बाद जब परिवारी जनों ने हत्यारोपी पति प्रवेश यादव समेत जेठ, सास ,ससुर व दिनेश की पत्नी नामजद किया लेकिन पूरे मामले में पीड़ित पक्ष के लोगों के आरोप को दरकिनार कर पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। पोस्टमार्टम के 24 घंटे बाद भी जांच कर रहे मुसाफिरखाना के क्षेत्राधिकारी संतोष कुमार सिंह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाए हैं।पता तो यह भी चला है कि अभी तक उनको पोस्टमार्टम की रिपोर्ट की भी जानकारी नही।जाँच अधिकारी सीओ पूरे मामले में चिट्ठी चौपाटी की कार्रवाई में ही जुटे हुए हैं। जबकि सूत्र बता रहे हैं प्रीति के शव का जब पंचनामा हो रहा था तो उसके गले के पास नाखूनों से खरोच के निशान थे ।इतना ही नहीं उसके चेहरे के बाई तरफ गंभीर वार का निशान था ,जो पंचनामा के समय काले रंग के धब्बे में नजर भी आ रहा था । उस वक्त के मंजर बता रहे थे कि प्रीति की मौत स्वभाविक नहीं है ।इस बात का जिक्र मायके वालों ने तहरीर में भी किया है। मृतका के भाई राम सजीवन ने कहा है कि उसकी बहन की शादी 6 साल पहले मुसाफिरखाना के पोस्ट जमवारी स्थित कंगाल का पुरवा निवासी प्रवेश यादव से हुई थी ।लेकिन विवाह के बाद से प्रीति पर दहेज की मांग बराबर की जाती रही ।
क्या कहना है मृतका के भाई का
राम सजीवन का कहना है कि उसकी बहन प्रीति को ससुराल में करीब आधा दर्जन लोगों ने मिलकर जान से मार दिया ।27 वर्षीय बहन प्रीति अपने पीछे डेढ़ साल की बच्ची को छोड़ गई है।हालांकि बेटी अभी ससुराली जनों के कब्जे में है।प्रीति का लालची पति प्रवेश यादव व ससुरालीजन बराबर दहेज की मांग करता रहे।और दूध मुही बिटिया के सामने वह अक्सर सभी लोग प्रीति को मारते पीटते भी थे।
सुलह की शर्त पर पीछे हटा  आरोपी पक्ष
अंत्येष्टि के दरम्यान जब मृतका के  ससुर भोलानाथ यादव ने समझौते की बात रखी तो मायके वालों ने कहा कि जिस प्रकार उनकी बेटी प्रीति की हत्या की गई है उसी तरह यदि हत्यारोपी पति प्रवेश यादव की जान जाए, तब बराबर का न्याय होगा। जिस बात को सुनकर दहेज हत्यारे पीछे हट गए ।बताते चलें कि एफआईआर में प्रवेश यादव उसके सास-ससुर समेत पांच नामजद हैं।फिलहाल खबर लिखे जाने तक पुलिस की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।इधर मायके पक्ष का कहना है कि उन्हें न्याय नहीं मिला तो उच्च अधिकारियों का दरवाजा खटखटाएँगे।
रिपोर्ट योगेश यादव

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