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हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा प्रधानमंत्री ने कहा पंचायती राज्य दिवस पर

कोरोना संकट ने अपना सबसे बड़ा संदेश, अपना सबसे बड़ा सबक हमें दिया है कि हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा। गांव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बने, जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह पूरा देश कैसे आत्मनिर्भर बने, अब ये बहुत आवश्यक हो गया हैएक दौर वो भी था  सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है। इतना ही नहीं, गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही हैइस कोरोना संकट ने दिखा दिया है कि देश के गांवों में रहने वाले लोग, इस दौरान उन्होंने अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं।गांवों से जो अपडेट आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला हैआप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी’ का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी’ का। इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है। ये आपके ही प्रयास है कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया हैइतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा हैये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी हैआज की परिस्थिति में देश को आगे ले जाने की शुरुआत, देश को आत्मनिर्भर बनाने की शुरुआत, गाँव की सामूहिक शक्ति से ही होगी। इन प्रयासों के बीच हमें ये याद रखना है कि किसी एक की भी लापरवाही पूरे गांव को खतरे में डाल सकती है। इसलिए ढील की ज़रा भी गुंजाइश नहीं है गाँव में सैनीटाईजेशन  अभियान हो, शहरों से आने वाले लोगों के लिए इतने कम समय में क्वारंटाइन सेंटर बनाने का काम हो, हर एक व्यक्ति के खान-पान और जरूरतों की चिंता हो, या फिर आम लोगों को जागरूक करने का काम हो, ये काम हमें निरंतर बिना रुके, बिना थके करना हैहमें ये ध्यान रखना है कि शारीरिक दूरी, मुंह को फेसकवर या मास्क से ढंकना और अपने हाथों की बार-बार साफ-सफाई ही आने वाले दिनों में भी हमारे लिए इस बीमारी से बचाव के सबसे बड़ी दवा हैहमें हर प्रकार की गलतफहमी से लोगों को बाहर निकालना है। हर परिवार तक सही जानकारी, चाहे वो बचाव को लेकर हो या फिर इसके इलाज के लिए, ये जानकारी पहुंचनी ही चाहिए। इसके लिए आप छोटी-छोटी टोलियां बनाकर जागरूकता के अभियान को तेज़ कर सकते हैंमुझे विश्वास है कि आप सभी अपनी सामूहिक कोशिशों से, अपनी एकजुटता से, अपनी संकल्पशक्ति से कोरोना को जरूर परास्त करेंगे। इसी विश्वास के साथ एक बार फिर आप सभी साथियों को पंचायती राज दिवस की शुभकामनाएं: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा। 

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