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दर्जनभर तबलीगी के लोगों ने किया प्लाज्मा दान

नई दिल्ली। तबलीगी जमात से जुड़े 300 से ज्यादा मरीजों ने ठीक होने के बाद प्लाज्मा दान करने की इच्छा जताई है। वहीं, रविवार और सोमवार को 12 जमातियों ने अपना प्लाजमा भी दान किया दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपील की थी कि कोरोना से ठीक हो चुके मरीज अपना प्लाज्मा दान करें। इसके बाद सुल्तानपुरी सेंटर में कोरोना से ठीक हो चुके जमात के चार सदस्यों ने अपना प्लाज्मा दान किया। वहीं, कई अन्य केंद्रों पर भी जमातियों ने प्लाज्मा दिया है। सूत्रों की माने तो ठीक हो चुके 300 से ज्यादा तबलीगी जमात के सदस्यों ने प्लाज्मा देने के लिए दिल्ली सरकार के सहमति फॉर्म पर दस्तखत किए हैं। 
नरेला सेंटर में 190, सुल्तानपुरी सेंटर में 51 और मंगोलपुरी सेंटर में 42 तबलीगी अपना प्लाज्मा दान करेंगे। दिल्ली सरकार का स्वास्थ्य विभाग प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना का इलाज कर रहा है। तबलीगी जमात प्रमुख मौलाना साद ने भी ठीक हो चुके तबलीगी जमात के लोगों से प्लाज्मा दान करने की अपील की थी। लोकनायक अस्पताल में ठीक हो चुके मरीजों के प्लाज्मा से कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज किया जा रहा है। खून के प्लाज्मा में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बन जाते हैं जो वायरस से लड़कर संक्रमण से बचाते हैं। ऐसे ठीक हुए मरीजों का प्लाजमा नए मरीजों को दिया जा रहा है।
दरअसल, कोरोना के ज्यादातर मामलों के लिए जिम्मेवार माने जाने वाले तबलीगी जमात की काफी आलोचना हुई थी, मगर अब जिस तरह से कोरोना के खिलाफ जंग में आगे बढ़कर आए हैं, वह सराहनीय है। 
दरअसल प्लाज्मा तकनीक के लिए सबसे पहले एक ऐसे व्यक्ति की जरूरत होती है जिसे संक्रमण हो चुका होता है। संक्रमण से ठीक होने के बाद यह व्यक्ति दूसरे संक्रमित मरीज के लिए रक्तदान दे सकता है। रक्तदान करते वक्त प्लाज्मा निकालने वाली मशीन की मदद ली जाती है जिसके जरिए व्यक्ति के रक्त से प्लाज्मा निकलता है और रक्त वापस शरीर में जा सकता है। हालांकि इसके लिए जरूरी है कि दाता के पास दो कोरोना निगेटिव रिपोर्ट हों, साथ ही वह हार्ट या अन्य किसी तरह की बीमारी से ग्रस्त न हो। 
प्लाज्मा तकनीक के प्रयोग से अब तक काफी सफल परिणाम देखने को मिल रहे हैं। इसी ट्रायल की वजह से देश का पहला मरीज ठीक होकर अपने घर भी जा चुके है। लोकनायक अस्पताल में भर्ती पांच मरीजों पर ट्रायल चल रहा है जिनकी स्थिति काफी नियंत्रण में हैं। इनमें से दो मरीज अब वेंटिलेटर से बाहर आ चुके हैं। 

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