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नोएडा-गाजियाबाद के 57 BLO पर दर्ज होगी FIR

 


नोएडा और गाजियाबाद में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) अभियान शुरू हुए 20 दिन बीत चुके हैं। लेकिन मतदाता सूची के पुनरीक्षण में लापरवाही करने वाले बूथ लेवल अधिकारियों (BLO) के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है।नोएडा और गाजियाबाद प्रशासन ने कुल 57 BLO के खिलाफ FIR दर्ज करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इन अधिकारियों पर मतदाता सूची से जुड़े काम में गंभीर लापरवाही करने के आरोप हैं।नोएडा में 19 BLO कार्रवाई की जद में हैं। जिलाधिकारी  ने बताया कि 7 नवंबर को SIR कार्य में ढिलाई दिखाने पर कुल 140 BLO को चेतावनी दी गई थी। अधिकांश अधिकारी चेतावनी के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट आए।लेकिन 19 BLO अब तक काम शुरू नहीं कर पाए। इसमें जेवर के 7, सदर के 3 और दादरी के 9 BLO शामिल हैं। मेधा रूपम ने कहा कि इन BLO ने स्पष्टीकरण और लिखित प्रतिनिधित्व भी दिया है।लेकिन लगातार अनुपस्थित रहने के कारण अब उन्हें कार्रवाई से बचना संभव नहीं है। विभागीय जांच शुरू कर दी गई है और FIR दर्ज करने की प्रक्रिया मुख्य निर्वाचन अधिकारी  उत्तर प्रदेश की मंजूरी पर निर्भर है।गाजियाबाद में भी 38 BLO पर गंभीर आरोप लगे हैं। यहां के BLO ने फॉर्म वितरण और संग्रहण में कोई रुचि नहीं दिखाई। जिसके कारण FIR की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पिछले सप्ताह 25 BLO के खिलाफ FIR का प्रस्ताव भेजा गया था।जबकि बुधवार को 13 और नाम सूची में जोड़ दिए गए। एडीएम प्रशासन ने बताया कि सिहनी गेट थाने को शिकायत भेज दी गई है और जल्द ही FIR दर्ज कर दी जाएगी।BLO के खिलाफ धारा 32 के तहत कार्रवाई होगी।यह धारा उन सरकारी अधिकारियों पर लागू होती है जो मतदाता सूची तैयार करने या संशोधन में लापरवाही करते हैं। इस धारा के तहत बिना उचित कारण ड्यूटी न करने पर 3 महीने से 2 वर्ष तक की सजा हो सकती है। साथ ही अदालत जुर्माना भी लगा सकती है।FIR तभी दर्ज होगी जब निर्वाचन आयोग या राज्य का मुख्य निर्वाचन अधिकारी इसकी अनुमति देगा।SIR अभियान का मुख्य उद्देश्य मतदाता सूची को 100% सटीक और अद्यतन बनाना है। BLO की भूमिका इसमें अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। क्योंकि वे फॉर्म भरवाने, नए वोटर जोड़ने और पुराने नाम अपडेट करने जैसे कार्य करते हैं। उनकी लापरवाही सीधे चुनावी प्रक्रिया पर असर डाल सकती है।

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