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संस्कृति निदेशालय के सहायक निदेशक तथा वैयक्तिक सहायक निलम्बित


लखनऊ विशेष सचिव संस्कृति की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय समिति की जांच रिपोर्ट में ग्रामसभाओं में वितरित किये जाने वाले वाद्य यंत्रों के खरीद में एवं शासकीय धन का दुरूपयोग तथा अधोमानक गुणवत्ता पाये जाने पर संस्कृति निदेशालय उ0प्र0 के सहायक निदेशक डॉ0 राजेश अहिरवार तथा वैयक्तिक सहायक संस्कृति निदेशालय  कुलदीप सिंह को दोषी पाये जाने पर तत्काल प्रभाव से निलम्बित करते हुए इन दोनो के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाही प्रस्तावित कर दी गई है।यह जानकारी देते हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री  जयवीर सिंह ने  दी। उन्होंने बताया कि वाद्य यंत्रों के खरीद के सम्बंध में जांच समिति की आख्या को देखते हुए प्रथम दृष्टया पाया गया कि डॉ0 राजेश अहिरवार सहायक निदेशक एवं वैयक्तिक सहायक  कुलदीप सिंह भ्रष्टाचार, वित्तीय अनियमितता एवं खरीद प्रक्रिया में अनियमितता बरतने के दोषी पाए गए। इन दोनों कर्मियों ने अपर निदेशक संस्कृति निदेशालय द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन नहीं किया, जिससे वाद्य यंत्रों की दर का निर्धारण करने का आधार न होने के कारण वाद्य यंत्र अत्यधिक ऊँचे दर पर क्रय किया गया, जिससे शासकीय धनराशि का दुरूपयोग हुआ।पर्यटन मंत्री ने बताया कि आपूर्ति की गई सामग्री का भौतिक सत्यापन भी नहीं कराया गया, जिससे आपूर्ति किये गए वाद्य यंत्रों की गुणवत्ता भी मानक के अनुरूप सुनिश्चित नहीं की जा सकी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। भ्रष्टाचार में लिप्त होने तथा वित्तीय अनियमितता, उदासीनता एवं लापरवाही तथा शासकीय धन का दुरूपयोग करने पर दोषी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।संस्कृति निदेशालय के इन दोनों कर्मियों के निलम्बन आदेश 24 अप्रैल, 2025 को प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मकेश  की ओर से जारी कर दिये गये हैं। निलम्बन अवधि में डॉ0 राजेश अहिरवार संस्कृति निदेशालय से सम्बद्ध रहेंगे।

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