इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा - सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लाइक करना नहीं, शेयर करना अपराध है
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट को लाइक करना नही शेयर करना अपराध है। पोस्ट को साझा व पसंद करने में दो अलग-अलग बाते हैं। किसी पोस्ट या संदेश को तब ही प्रकाशित कहा जा सकता है।जब उसे शेयर या फारवर्ड किया जाए। वैसे भी IT ACT के तहत केवल अश्लील तस्वीर या वीडियो का प्रसारण ही अपराध के दायरे में आता है।इस टिप्पणी के साथ न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की अदालत ने आगरा निवासी इमरान खान के खिलाफ शुरू आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी। मामला मंटोला थाना क्षेत्र का है। इमरान पर आरोप है कि उसने चौधरी फरहान उस्मान नाम की ID से facebook पर प्रसारित एक पोस्ट को लाइक किया था। उसमें विरोध-प्रदर्शन व राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपने के लिए आगरा कलक्ट्रेट पर लोगों को बुलाया गया था। पुलिस ने इमरान के खिलाफ IT ACT के तहत मामला दर्ज कर आरोपपत्र ट्रायल कोर्ट में दाखिल किया था। कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेकर इमरान को बतौर आरोपी तलब किया था। इसके खिलाफ आरोपी युवक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसके वकील ने दलील में बताया कि युवक ने फेसबुक अकाउंट पर ऐसा कोई आपत्तिजनक पोस्ट प्रसारित नहीं किया है।जो IT ACT के तहत अपराध हो। भड़काऊ पोस्ट पर IT ACT की धारा 67 लागू नहीं की जा सकती और न ही इसके लिए किसी सजा का प्रावधान है। इस धारा के दायरे में ऐसी उत्तेजक सामग्री आती है।जिससे अश्लीलता झलके।पुलिस का कहना था कि इमरान ने अपने फेसबुक से भड़काऊ पोस्ट डिलीट कर दिया है। लेकिन व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसी ही सामग्री पाई गई है।हाईकोर्ट ने केस डायरी में पाया कि इमरान ने उस्मान के पोस्ट को केवल लाइक किया है। लिहाजा कोर्ट ने इमरान के खिलाफ ट्रायल कोर्ट में शुरू आपराधिक कार्यवाही रद्द कर दी।
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