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ग्राम प्रधान का कारनामा, परिवार पर लुटाया सरकारी खजाना


लखनऊ में एक ग्राम प्रधान ने ऐसा कारनामा किया जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया प्रधान ने सरकारी पैसे का दुरुपयोग करते हुए उसका इस्तेमाल अपने ही परिवार के लोगों के लिए किया उसने अपने तीन बेटों और एक बेटी को मनरेगा का जॉब कार्ड बनाकर पैसा डलवाया। यही नहीं गांव में नियुक्त होने वाले 2 गौपालक में भी अपने दोनों बेटों का गोपालकर बना दिया ताकि जो भी पैसा आए उससे परिवार को ही फायदा मिले 
 मामला लखनऊ के काकोरी में दसदोई ग्राम का है जहां के ग्राम प्रधान ने सरकारी पैसे के साथ दुरुपयोग करते हुए अपने 3 बेटे और एक बेटी का मनरेगा जॉब कार्ड बनवाया जिससे मनरेगा का आने वाला पैसा उनके खाते में आने लगाइसके साथ ही गांव में 2 गोपालक की नियुक्ति के नाम पर भी उनके अपने ही दोनों बेटों को गोपालक बना दिया गांव के विकास के लिए जो पैसा आता था उसमें से कुछ पैसा प्रधान ने अपने निजी खातों में ट्रांसफर कर लिया इस मामले का खुलासा तब हुआ जब किसी ने प्रधान की मुख्य विकास अधिकारी से शिकायत कर दी। मुख्य विकास अधिकारी  ने इसकी जांच खंड विकास अधिकारी  को सौंप दी। खंड विकास अधिकारी  ने जब इसकी जांच शुरू की तो पता चला कि प्रधान राजकुमार यादव के बेटे नागेंद्र, बालेन्द्र, शैलेंद्र और बेटी का नाम जॉब कार्ड बनवाया गया था जिसके बाद मनरेगा की मजदूरी के नाम पर इनके खाते में पैसे ट्रांसफर किए गए गांव में सरकारी गोशाला की देखरेख के लिए 2 गोपालकों की नियुक्ति होनी थी प्रधान यहां भी पीछे नहीं रहे और अपने 2 बेटों को गोपालक बना दियादिलचस्प बात है कि इन दोनों को मनरेगा में भी जॉब कार्ड बना हुआ था जिसके बाद उन्हें दोहरा पैसा मिलने लगा प्रधान को जैसे ही इस बात का पता चला कि उसकी शिकायत हो गई है और मामले की जांच चल रही है तो उसने आनन-फानन में अपने दोनों बेटों का नाम गोपालकों की सूची से हटा दिया। खंड विकास अधिकारी ने अपने 30 पेजों की रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी को भेज दी है रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही इस मामले में शामिल प्रधान और उसके बेटों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। खंड विकास अधिकारी ने कहा कि जांच में प्रधान के चारों बेटों और बेटीयों के नाम से जॉब कार्ड बनने और खाते में पैसा जाने की पुष्टि हुई हैऐसे में कार्रवाई के लिए मुख्य विकास अधिकारी को रिपोर्ट भेज दी गई है।

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