जल जीवन मिशन में हो रही मनमानी, पूर्व विधायक ने की शिकायत
लखनऊ बस्ती की रूधौली सीट से पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र देकर जल जीवन मिशन योजना में व्याप्त मनमानी, गुणवत्ता में कमी आदि की जांच कराकर प्रभावी कार्रवाई का आग्रह किया।इस संबंध में उन्होंने जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर उन्हें जल जीवन मिशन योजना के क्रियान्वन में मनमानी पर अंकुश लगाने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की ताकि लोगों को योजना का पूरा लाभ मिल सके। पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री को दिए पत्र में कहा कि विधानसभा क्षेत्र 309 रूधौली में भ्रमण के दौरान उन्हें स्थानीय लोगों ने बताया कि सरकार की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन योजना के लिए भूमिगत पाइप लाइन बिछाने, वाटर हेड टैंक के निर्माण सहित अन्य कार्यों के लिए चयनित फर्म मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर, मेसर्स वी.एस.ए. इन्फ्रा. प्रोजेक्ट, मेसर्स जैक्शन विश्वराज को जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस योजना को निर्बाध रूप से संचालन के लिए तकनीकी कर्मियों की नियुक्ति के लिए मेसर्स मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रा. कम्पनी को नामित किया गया है।जिसके द्वारा 13 तकनीकी कार्मिकों की नियुक्ति की जानी थी।इसके लिए साल 2021 में ही संबंधित ब्लाकों पर दो दिवसीय प्रशिक्षण की प्रक्रिया पूरी कराई गई लेकिन अभी तक तकनीकी कार्मिकों की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इस मिशन में नियुक्त अधिकारी, कर्मचारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं कर रहे हैं।जिससे फर्म की मनमानी बढ़ रही है।फर्मों द्वारा 30 प्रतिशत पर पेटी कॉन्ट्रेक्टरों से काम कराया जा रहा है। जिससे कार्य की गुणवत्ता खराब हो रही है । पूर्व विधायक ने इस संबंध में आवश्यकतानुसार कर्मचारियों की नियुक्ति की मांग की और काम की गुणवत्ता की जाँच कराने का भी आग्रह किया। संजय प्रताप जायसवाल ने इस संबंध में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह से मिलकर सारी जानकारी दी है।उन्होंने कहा कि इन कंपनियों ने पाइपलाइन बिछाने के काम के दौरान क्षतिग्रस्त हुई सड़क और उसकी पटरियों को यथा स्थिति नहीं बनाया है। सड़कों की पटरियां क्षतिग्रस्त होने से राजस्व को भी नुक़सान हुआ है और आम लोगों को भी परेशानी हो रही है। शासन का स्पष्ट आदेश है कि कार्यदायी संस्था द्वारा पाइप बिछाने के दौरान खोदे गये सड़कों की पटरियों को गुणवत्ता पूर्ण पुर्नर्निमाण कराते हुए उसकी तय सीमा तक रख रखाव करने की जिम्मेदारी होगी। यह भी संज्ञान में आया है कि वाटर हेड टैंक, पाइल लाईन, टोटी फिटिंग सहित अन्य कार्य का निर्माण कार्य पूर्ण होने के सम्बन्ध में ग्राम पंचायत के प्रधान का फर्जी हस्ताक्षर कर जिला प्रशासन को सन्तोषजनक कार्य की आख्या प्रस्तुत कर दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के जिम्मेदार अधिकारियों ने बिना स्थलीय निरीक्षण के भुगतान की प्रक्रिया भी कर दी।इससे जहां कार्य की गुणवत्ता क्षीण हुई है तो महत्वपूर्ण योजना में सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है जिसकी जांच कराकर दोषी फर्मों वं जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों पर विधिक कार्रवाई हो।
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