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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने 9 साल में कमाए 33 लाख, खर्च किया 1 करोड़


लखनऊ 
भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने लखनऊ विकास प्राधिकरण के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ओमप्रकाश सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज किया है। शासन के निर्देश पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने ओपी सिंह की संपत्तियों की प्रारंभिक जांच में पाया कि उन्होंने अपनी कुल वैध आय से 3 गुना अधिक रकम चल-अचल संपत्तियों को अर्जित करने में खर्च की। लखनऊ थाने में दर्ज मुकदमे के मुताबिक गृह विभाग के संयुक्त सचिव ने जून, 2022 में मूल रूप से अमेठी एवं वर्तमान में गोमतीनगर के विपुल खंड में रहने वाले ओपी सिंह की भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्तियों की जांच का आदेश दिया था।जांच में सामने आया कि 1 जनवरी 2013 से 31 मई 2022 के बीच ओपी सिंह ने वेतन, एरियर, बोनस तथा बैंक ब्याज समेत आय के सभी वैध स्रोतों से कुल 33,58,867 रुपये अर्जित किए। वहीं इस दौरान उन्होंने चल-अचल संपत्तियों को अर्जित करने तथा भरण-पोषण में 1,02,88,143 रुपये व्यय किए। इस तरह उन्होंने अपनी वैध आय से 69.29 लाख रुपये अधिक व्यय किए। जब इस अंतर के बारे में उनसे जवाब-तलब किया गया तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इसके बाद भ्रष्टाचार निवारण संगठन ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की है।

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