आबादी से ज्यादा बना दिए जन्म प्रमाणपत्र
लखनऊ फर्जी जन्म प्रमाणपत्र के आतंकी कनेक्शन से चर्चा में आए रायबरेली के सलोन ब्लॉक के बाद अब छतोह में भी बड़ा खेल सामने आया है। यहां के नुरुद्दीनपुर गांव में जालसाजों ने आबादी से 7500 से ज्यादा 10, 151 जन्म प्रमाणपत्र बना दिए। मुख्य विकास अधिकारी की जांच में सामने आया है कि जिन नाम से प्रमाणपत्र जारी किए गए हैं। उन नाम के लोग गांव में रहते ही नहीं हैं। इससे पहले सलोन में 20 हजार से अधिक फर्जी प्रमाणपत्र पकड़ में आ चुके हैं।केरल में पीएफआई के एक संदिग्ध सदस्य का प्रमाणपत्र सलोन का बना मिला था। कर्नाटक में भी एक संदिग्ध का जन्म प्रमाणपत्र यहीं से बनाया गया था। दोनों प्रदेशों की पुलिस जांच के लिए रायबरेली पहुंची।
इसके बाद भाजपा विधायक अशोक कुमार कोरी ने जांच की मांग उठाई। सीडीओ ने जांच शुरू की तो ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) की यूजर आईडी और पासवर्ड से करीब 20 हजार फर्जी प्रमाणपत्र जारी मिले। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर वीडीओ, सलोन निवासी मो. जीशान, रियाज और सुहेल खान को जेल भेज दिया।सलोन ब्लॉक के पांच गांवों में 19,184 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र की जांच की आंच छतोह ब्लॉक के आठ गांवों में भी पहुंच गई है। यहां चार साल में जारी किए गए प्रमाणपत्रों की जांच के आदेश दिए गए हैं। आरोपी ग्राम विकास अधिकारी पूर्व में इन ग्राम पंचायतों में भी तैनात रह चुका है।सलोन कोतवाली क्षेत्र के सिरसिरा, लहुरेपुर, नुरुद्दीनपुर, गोपालपुर उर्फ अनंतपुर, गढ़ी इस्लाम नगर गांवों में वीडीओ विजय सिंह यादव की यूजर आईडी और पासवर्ड से 19,184 फर्जी जन्म प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। मामले में आरोपी वीडीओ समेत चार लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है। आरोपी वीडीओ के तैनाती वाले गांवों में फर्जी जन्म प्रमाणपत्रों की संख्या 25 से 30 हजार तक हो सकती है। इसी कारण चार साल में उसकी तैनाती वाले सभी गांवों में जांच के आदेश दिए गए हैं।छतोह ब्लॉक की ग्राम पंचायतों बारा, निनावां, गढ़ा, महानंदपुर, बरावां, बढ़ौना, दोस्तपुर बुढ़वारा, महमदपुर नमकसार में पूर्व में उसकी तैनाती थी। इसी कारण इन गांवों में भी अब तक जारी किए गए जन्म प्रमाणपत्रों की जांच के लिए कमेटी गठित की गई है।
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