दिव्यांग अनाथाश्रम में दो नाबालिग से गैंगरेप, तीन गिरफ्तार
बाराबंकी जिले में संचालित दिव्यांग अनाथालय में 2 नाबालिग लड़कियों से गैंगरेप का मामला सामने आया है।इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए संस्थान के प्रबंधक सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।वहीं जिलाधिकारी बाराबंकी द्वारा कमेटी का गठन कर अनाथालय का निरीक्षण कराया गया। दिव्यांग अनाथालय में व्यवस्था सही न होने पर एक आश्रित को उसके घर और 3 अज्ञात आश्रितों को लखनऊ शिफ्ट कराया गया। बता दें कि अनाथालय की संचालिका ने ही इस पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की थी। संचालिका की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए छानबीन की। जिसके बाद मामला सही पाए जाने पर पुलिस ने संस्थान के प्रबंधक सहित 3 आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए उन्हें जेल भेज दिया है।पूरा मामला बाराबंकी जिले की हैदरगढ़ कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत ग्राम नरेन्द्रपुर में स्थित अमर दिव्यांग सेवा संस्थान आश्रय गृह का है।इस अमर दिव्यांग सेवा संस्थान आश्रय गृह की संचालिका सुनीता देवी पत्नी सालिकराम निवासिनी ग्राम रनापुर थाना हैदरगढ़ जनपद बाराबंकी ने दिनांक 09.07.2024 को हैदरगढ़ थाने की पुलिस को सूचना दी कि दिनांक 21/06/2024 को संस्थान के डायरेक्टर राजेश कुमार रत्नाकर निवासी एमजीएस धौराहा जनपद सुल्तानपुर अपने साथी रामकैलाश और अमृता देवी पता अज्ञात, अपनी सफेद कार से आकर ग्राम नरेन्द्रपुर आश्रय गृह से एक दिव्यांग किशोरी को बहला फुसला कर कर ले गए हैं।संचालिका सुनीता देवी ने पुलिस को यह भी बताया कि इससे पूर्व में भी दिनांक 25/04/2024 व 30/04/2024 को राजेश कुमार रत्नाकर अपने साथी रामकैलाश के साथ मिलकर 2 किशोरियों के साथ गलत काम किया है। संचालिका की सूचना पर हैदरगढ़ पुलिस ने राजेश कुमार रत्नाकर (डायरेक्टर- अमर दिव्यांग सेवा संस्थान आश्रयगृह ग्राम नरेन्द्रपुर थाना हैदरगढ़, बाराबंकी), राम कैलाश (संस्था का पूर्व चौकीदार), अमृता देवी (संस्था की सदस्या) के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत करते हुए मामले की जांच पड़ताल शुरू की।पुलिस और फरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल करते हुए सभी साक्ष्यों को एकत्रित किया।पुलिस ने मामला सही पाए जाने के बाद संस्थान के प्रबंधक सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए गुरुवार को उन्हें जेल भेज दिया।वहीं जिलाधिकारी बाराबंकी द्वारा कमेटी का गठन कर अनाथालय का निरीक्षण कराया गया। दिव्यांग अनाथालय में व्यवस्था सही न होने पर एक आश्रित को उसके घर और 3 अज्ञात आश्रितों को लखनऊ शिफ्ट कराया गया है।
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