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सुलतानपुर राम के पाप धुलने वाले धोपाप की बदलेगी काया: हाईटेक सुविधाओं से लैस होगा धोपाप


सुल्तानपुर  जिला मुख्यालय से  32 KM दूर वाराणसी रोड पर लंभुआ तहसील अन्तर्गत भगवान राम के पाप धोने वाले तीर्थराज धोपाप को हाईटेक बनाने की कवायद तेज हो गई है। सांसद मेनका गांधी के निर्देश पर प्रतिनिधि रणजीत कुमार की देख-रेख व जिला प्रशासन और लोगों के जन सहयोग से प्रतिदिन 300 श्रमवीर घाट और मंदिर परिसर को नया रूप देने में दिन-रात काम कर रहे हैं।यहां पर सुरक्षा के दृष्टि से 18 CCTV कैमरे लगाए जा रहे हैं। जल्द ही एक पुलिस चौकी की स्थापना भी तीर्थराज धोपाप के नाम से की जा रही है।

श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस बलों की तैनाती रहेगी और तीसरी आंख से देखने के लिए पूरा एक कंट्रोल रूम स्थापित होगा। पखवाड़े भर से अधिक की हर गतिविधियों की रिकॉर्डिंग मौजूद होगी। श्रद्धालुओं को स्वच्छ और शीतल पानी मिले इसके लिए 5 हजार लीटर की दो टंकिया और मिनरल वाटर मिले इसके लिए आरओ मशीन भी लगाई जा चुकी है। आरओ मशीन के माध्यम से मिनरल वाटर सप्लाई करने के लिए मंदिर परिसर में जगह-जगह नलों को लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है।

प्रकाश व्यवस्था पर्याप्त हो इसके लिए पांच हाई माक्स लाइट लगाई जा रही है। इससे रात में धोपाप धाम जगमगाएगा। विद्युत विभाग द्वारा धाम के चारों ओर विद्युत पोल लगाकर केबिल खींच कर सप्लाई चालू कर दी गई है। मुख्य मंदिर तक विकलांगों को पहुंचने के लिए मंदिर के पश्चिम गेट तक सीसी रोड बनाई जा रही है।जिसमें लोग कार और ट्राई साइकिल को आसानी से मंदिर तक ला सकते है। मंदिर के मुख्य द्वार पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए सीढ़ी पर चढ़ने के लिए स्टील की रेलिंग लगाईं जा रही है। मंदिर परिसर की दीवालों पर बनाए जा रहे चित्र और चलचित्रों को देखकर ही रामायण काल को याद कर सकते हैं।बता दे आर्टिस्ट प्रदीप चौबे अपनी टीम के साथ दीवारों पर भगवान राम से जुड़ी एक-एक यादों को कलाकृतियों से उकेर रहे हैं। बाहर से आए हुए लोगों के लिए एक अतीथि ग्रह भी बनाया जा रहा है। जिनमें सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है।

घाटों को भी सजाने और संवारने की कार्य योजना बन चुकी है।और जल्द ही मंदिर परिसर के बगल एक हरे-भरे पार्क की स्थापना करने की भी योजना बनाई जा चुकी है। आगामी 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के दिन मंदिर परिसर में भी भजन कीर्तन, सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा मंचन और भंडारे आदि व्यवस्था की जा रही है। शाम ढलते ही 51000 दीपों से घाटों को जगमग किया जाएगा और पूरे मंदिर परिसर को रोशनी से नहलाया जाएगा। मंदिर के पुजारी अक्षैवर उपाध्याय ने बताया कि इसी स्थल पर भगवान राम ने रावण के वध के बाद ब्रह्महत्या जैसे दोष से मुक्ति पाने के लिए इसी घाट पर स्थान किया था। तब से इसका नाम धोपाप धाम रख दिया गया।उन्होंने बताया कि ज्येष्ठ माह में गंगा दशहरा के दिन यहां लाखों लोग जाने-अनजाने में हुए पाप से मुक्ति के लिए स्नान करते हैं।

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