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लोकसभा से पहले राज्यसभा के लिए होगी बीजेपी-सपा की जंग


यूपी
में लोकसभा चुनाव  को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।केंद्र की लड़ाई के बीच प्रदेश में राज्यसभा को लेकर भी SP और BJP में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल सकती है। उत्तर प्रदेश में अगले साल अप्रैल के महीने में 10 राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं। जिसके लिए अभी से जोड़ तोड़ और सियासी समीकरण बिठाने की रणनीति शुरू हो गई है।उत्तर प्रदेश में अगले साल दोहरी जंग देखने को मिलेगी मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले 2 अप्रैल को उत्तर प्रदेश से राज्यसभा की 10 सीटें खाली हो रही हैं। इनमें 9 सीटे BJP के पास हैं जबकि समाजवादी पार्टी के पास 1 सीट है जिससे जया बच्चन सांसद हैं। ऐसे में लोकसभा से पहले मार्च महीने में राज्यसभा के लिए चुनाव की घोषणी की जा सकती है। पिछली बार 2018 में जब राज्यसभा का चुनाव हुआ था। तब बसपा से गठबंधन की कोशिश में सपा ने बसपा उम्मीदवार भीम राव अंबेडकर को समर्थन दिया था हालांकि क्रॉस वोटिंग में भाजपा का उम्मीदवार जीत गया और BJP ने 9 सीटों पर जीत हासिल की थी।जबकि SP से सिर्फ जया बच्चन हीं जीतीं थीं।उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के बाद अब सियासी समीकरण बदल गया है। ऐसे में BJP के लिए सभी सीटों को बचाना मुश्किल होगा। जबकि सपा के पास राज्यसभा में अपनी संख्या बढ़ाने का मौका होगा। विधानसभा में मौजूदा सदस्य संख्या के हिसाब से एक प्रत्याशी को जिताने के लिए 37 वोटों की जरुरत होगी। SP गठबंधन के पास कुल 118 विधायक हैं। ऐसे में सपा 3 सीटें जीतने की स्थिति में होगी।वहीं NDA गठबंधन के पास 279 विधायक है ऐसे में 7 सीटों पर भाजपा की जीत पक्की है।इसके अलावा कांग्रेस के पास 2 जनसत्ता दल के पास 2 और बसपा का 1 विधायक है।जो किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं है। ऐसे में चुनाव से पहले इन दलों से भी तालमेल और जोड़ने तोड़ने की कवायद जारी है। इसके साथ ही राज्यसभा सांसद के लिए लॉबिंग भी शुरू हो गई है। राज्यसभा में सपा सांसद जया बच्चन का कार्यकाल खत्म हो रहा है। माना जा रहा है कि अखिेलश यादव उन्हें फिर मौका देने के मूड में नहीं है। वो अपने परिवार से किसी को राज्यसभा में भेज सकते हैं।BJP का फोकस पिछड़ों और दलितों पर रह सकता है।

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