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विवाहित की हत्या,BDC समेत चार गिरफ्तार


सुलतानपुर जिले मे पूर्व बीडीसी ने 10 वर्षों में दहेज के लिए दो पत्नियों को मौत के घाट उतार डाला। 6 वर्ष पूर्व पहली पत्नी की दहेज के लिए हत्या के मामले में भले ही रिश्तेदारों ने मध्यस्ता कर उसे जेल की सलाखों से बचा लिया लेकिन दो दिन पूर्व उसने दूसरी पत्नी की गला दबाकर हत्या किया तो परिवार समेत उसे जेल जाना पड़ा है।मुख्यालय से 30 किमी दूर मोतिगरपुर थाना क्षेत्र के डड़वाकलां गांव में बीते शुक्रवार को शाम करीब 3 बजे के आसपास पूर्व बीडीसी पंकज यादव ने पत्नी रंजना यादव (27) का शव घर में संदिग्ध परिस्थितियों में पड़ा मिला था। सूचना पर पुलिस पहुंची और देर शाम फॉरेंसिक टीम पहुंची सभी ने साक्ष्य जुटाए और नायब तहसीलदार जयसिंहपुर धर्मेंद्र यादव की मौजूदगी में पंचायतनामा भरकर शव पोस्टमार्टम में भेजा गया। शनिवार को पोस्टमार्टम में इस बात की पुष्टि हुई की रंजना का गला दबाकर उसे मौत के घाट उतारा गया। उसके शरीर पर चोट के निशान भी मिले थे।घटना के समय मृतकी की सास बुधना, ससुर रामउजागिर यादव खेत में धान पीटने गए हुए थे। वही देवर रोहित गाड़ी लेकर गया हुआ था। मृतका की मां कादीपुर कोतवाली क्षेत्र के चंदेलेपुर (राईबीगो) निवासी प्रभावती पत्नी स्व. राम आसरे यादव ने बेटी के पति समेत सास, ससुर और देवर के खिलाफ केस दर्ज कराया था। मां ने ये भी आरोप लगाया था कि पंकज शराब के नशे में आकर आए दिन बेटी की पिटाई करता था। चार दिन पूर्व रंजना ने मोतिगरपुर थाने में पति के खिलाफ मारपीट करने की शिकायत की थी। रंजना की 21 जून 2016 को पंकज के साथ शादी हुई थी। मृतका की दो बेटियां हैं, बड़ी बेटी आर्या (5) ननिहाल में रहती है। छोटी बेटी रिया (2) मां के साथ रहती है।बताया जा रहा है कि वर्ष 2015 में पंकज बीडीसी बना था। 2013 में करौंदीकला के बहाउद्दीनपुर निवासी माताफेर की पुत्री कुमारी के साथ उसकी शादी हुई थी। अपनी पहली पत्नी और डेढ़ साल की बेटी अंशिका के साथ उसने उसे जलाकर मौत के घाट उतारा था। लेकिन उस वक्त रिश्तेदारों ने मध्यस्थता कर मामला ठंडा करा दिया था और पुलिस में बात नहीं गई। पहली पत्नी से एक लड़का अंश यादव है जो ननिहाल में रहता है। वही रंजना की मां प्रभावती का आरोप है कि पंकज ने पहली शादी की थी ये बात उसने हम सबको बताया ही नहीं था। बताया जा रहा है पंकज ट्रक ड्राइवर है वो बाहर रहता था। उसे पत्नी पर शक हो गया कि कही उसका मेरे भाई से संबंध तो नहीं हो गया इसलिए वो उसे साथ ले गया। लेकिन एक माह पहले ही रंजना सुसराल आई। कुछ समय बाद पंकज भी लौट आया और आने के बाद रोज लड़ाई करता। लोगों ने इनके मध्य बीच बचाव भी बंद कर दिया। अंत में जिस बात का खतरा था वही हुआ।

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