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अधिवक्ता और डॉक्टर के केस में एक तरह की कार्रवाई,कोर्ट ने की सख्ती


सुलतानपुर जिले में अधिवक्ता आजाद अहमद हत्याकांड रहा हो या हाल का डॉक्टर घनश्याम तिवारी मर्डर केस दोनों ही मामलों में पुलिस की कार्रवाई एक सी ही है। इनाम दोनों पर घोषित हुआ STF तक पकड़ने के लिए लगाई गई। लेकिन बदमाश पकड़े नहीं जा सके। अधिवक्ता कांड में कोर्ट की सख्ती के बाद हिस्ट्रीशीटर के घर की कुर्की हुई। अब वैसे ही कोर्ट ने डॉक्टर की हत्या के मामले में कुर्की की नोटिस जारी कर दिया है। माना जा रहा है पुलिस इसमें भी ये अंतिम कार्रवाई कर बैठ जाएगी।बीते 6 अगस्त की देर शाम कोतवाली देहात के नकराही के पास अधिवक्ता आजाद अहमद की हिस्ट्रीशीटर बदमाश सिराज अहमद उर्फ पप्पू ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना में अधिवक्ता के भाई को गोली लगी थी उसे अस्पताल ले जाया गया था। इस मामले में नामजद सभी आरोपियों के साथ-साथ अज्ञात को एक-एक कर पुलिस ने पकड़ लिया था। लेकिन एक लाख के इनामिया मुख्य आरोपी सिराज को पुलिस व एसटीएफ गिरफ्तार नहीं कर सकी। सीजेएम कोर्ट से 19 अगस्त को कुर्की की नोटिस मिलने के बाद पुलिस ने 20 अगस्त से लगातार चार दिनों तक बदमाश के घर कुर्की की कार्रवाई की थी। घर से खिड़की-दरवाजे तक पुलिस उठा ले गई थी।संविदा चिकित्सक घनश्याम तिवारी के मामले में भी पुलिस इसी ट्रैक पर है। 23 सितंबर को उनकी हत्या हुई और कोतवाली नगर में भाजयुमो जिलाध्यक्ष के चचेरे भाई अजय नारायण सिंह समेत अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ। 25 सितंबर को उस पर 50 हजार का इनाम घोषित किया गया। इस दिन ही अजय के पिता जगदीश नारायण को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। सोनभद्र जिले से पुलिस को उसकी चार पहिया गाड़ी मिली। लेकिन आरोपी को पुलिस पकड़ नहीं सकी। इसके बाद से ही पुलिस ने कोर्ट की कार्रवाई में तेजी ला दी। बीते सप्ताह उसके खिलाफ गैर जमानतीय वारंट के लिए पुलिस ने अर्जी दी जो स्वीकृत हो गई। अब चार अक्टूबर को कोतवाली नगर पुलिस ने कुर्की की कार्रवाई के लिए अर्जी दी थी। जिस पर कोर्ट ने कुर्की की नोटिस जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि पुलिस जल्द ही इस कार्रवाई को करके मामले को ठंडे बस्ते में डाल देगी।

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