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एक जमीन 3 बार बेची गई,नतीजा 2 भाइयों की हत्या


देवरिया के बाद कानपुर देहात में दो सगे भाइयों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। परिवार के अन्य चार सदस्यों को भी बेरहमी से पीटा गया। सभी घायलों का इलाज कानपुर के हैलट अस्पताल में कराया जा रहा है। विवाद की जड़ जमीन का बैनामा न होना बताया जा रहा है।यहां भी देवरिया जैसे ही हालात रहे। पूरे मामले में पुलिस और प्रशासन की लापरवाही भी निकलकर सामने आ रही है। यहां भी पुलिस, प्रशासन और मुख्यमंत्री पोर्टल तक शिकायत हुई मगर कोई एक्शन नहीं हुआ।मामला जिले की गजनेर थाना क्षेत्र के निनाया गांव का है। दो लोगों की हत्या के बाद गांव में पुलिस फोर्स तैनात की गई है। वहीं ग्रामीणों ने दबी जुबान जो कुछ बताया, उससे यह तो तय है कि गांव में इस क्राइम सीन की कहानी पहले ही लिखी जा चुकी थी।नानिया गांव में सत्य नारायण शर्मा और मोहन शुक्ला के बीच गुरुवार की शाम पिकअप खड़ी करने को लेकर विवाद हुआ। विवाद कुछ देर में शांत हो गया। इसके बाद रात 11.30 बजे मोहन शुक्ला अपने परिवार के साथ लाठी-डंडे और कुल्हाड़ी लेकर सत्य नारायण शर्मा के घर पहुंच गए। यहां सत्य नारायण अपने घर के बाहर चारपाई पर सो रहा था।इसके बाद सभी उसे पीटने लगे। बीच-बचाव करने आए सत्य नारायण के पूरे परिवार को पीटना शुरू कर दिया गया। मनोज एंड फैमिली ने एक-एक कर सभी को मरणासन्न कर दिया। इस घटना में सत्य नारायण (72) और उनके भाई रामवीर (56) की मौत हो गई।जबकि रामवीर की पत्नी मधु, बेटी मीनू, काजल और बेटा संजू घायल को उसी रात गजनेर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। सभी की नाजुक हालत देखते हुए उन्हें कानपुर रेफर कर दिया गया।पुलिस अधीक्षक ने कहा सत्य नारायण के भाई रामवीर विश्वशर्मा को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पैसे मिले थे। इन्हीं पैसों से वो मकान का निर्माण करवा रहे थे। उन्होंने जिस जमीन पर मौरंग-गिट्टी गिरवाई थी, उसे मोहन शुक्ला अपनी बता रहा था। गुरुवार की शाम वो पिकअप लेकर यहां पहुंचा। दोनों पक्षों में पिकअप खड़ी करने को लेकर ही विवाद हुआ। इसके बाद देर रात मारपीट हुई, जिसमें रामवीर और सत्य नारायण की मौत हो गई।घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी ने कहा दो पक्षों में आपस में विवाद और लड़ाई हुई। आपस में हाथापाई हुई। इसमें थोड़ी ज्यादा मारपीट हो गई। दो लोगों की मौत हो गई। चार को गिरफ्तार किया गया है।घटना की वजह रामवीर को जो आवास मिला था, उस जमीन में गाड़ी खड़ी करने को लेकर हुआ था। जिस पर दूसरी पार्टी ने मारपीट की। जमीन तो रामवीर की थी, तभी तो उसे आवास मिला था। मामले में आगे की कार्रवाई जारी है।ग्राम प्रधान संतोष कुमार ने कहा, ''रामवीर और उनके भाई का मोहन शुक्ला से विवाद चल रहा था। सुबह दोनों पक्षों के बीच मारपीट शुरू हो गई। 17 बिस्वा जमीन रामवीर ने ली थी। लेकिन इसकी कोई लिखा-पढ़ी नहीं हुई थी। रामवीर ने यह जमीन मोहन शुक्ला के पिता से ली थी।पड़ोसी जय बहादुर सिंह ने कहा, ''जमीन का विवाद था। सत्य नारायण के परिवार वालों ने काफी समय पहले जमीन खरीदी थी। विपक्षी पार्टी मोहन शुक्ला के बाबा लोगों ने मौखिक रूप से यह जमीन सत्य नारायण को बेची थी। इसकी कोई लिखा-पढ़ी नहीं थी। इस पर कई मकान खड़े हैं। सैनी से लेकर सविता तक के मकान हैं।हमारे गांव के एक दो ठेकेदार ने रामवीर से जमीन खरीदी थी तब मोहन शुक्ला ने कोई विवाद नहीं किया था। इसके बाद अब पता नहीं कब विवाद हो गया। मोहन शुक्ला से कल रात को भी विवाद हुआ था। दोनों तरफ से लाठी-डंडे से हमले किए गए। सत्य नारायण के लड़के के पैर में चोट लगी थी उसकी बेटी भी घायल हो गई थी।

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