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डॉक्टर के परिवार ने रखी थी 1 करोड़ की मांग: शासन ने मंजूर किया 10 लाख, पूर्व सपा MLA बोले-बैंक एकाउंट जारी कर सर्व समाज के साथ चलाएगे मानवीय मुहिम


सुलतानपुर डॉक्टर के परिवार ने रखी थी 1 करोड़ की मांग, शासन ने मंजूर किया 10 लाख, पूर्व सपा MLA बोले-बैंक एकाउंट जारी कर सर्व समाज के साथ चलाएगे मानवीय मुहिम।डॉक्टर घनश्याम तिवारी की नृशंस हत्या पर परिवार की ओर से एक करोड़ रुपए मुआवजे की मांग उठी थी। पूर्व सपा विधायक संतोष पाण्डेय ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि जिलाधिकारी की प्रेस मीट से पता चला है कि 10 लाख रुपए ही शासन से स्वीकृत हुए हैं। ऐसे में हम पीड़ित परिवार का एक एकाउंट नंबर जारी करके सर्व समाज के साथ एक मानवीय मुहिम चलाएंगे।लंभुआ के पूर्व सपा विधायक संतोष पाण्डेय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उल्लेख किया है कि डॉ. घनश्याम तिवारी हत्याकांड प्रकरण में पीड़ित परिवार को स्थानीय जनप्रतिनिधियों व तत्कालीन जिलाधिकारी सुलतानपुर ने एक करोड़ की मदद के लिए हस्ताक्षर किए थे। आश्वासन के बाद जिलाधिकारी सुलतानपुर ने प्रेस मीट के माध्यम से बताया शासन स्तर पर केवल 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद की स्वीकृति प्रदान हुई है। उन्होंने भाजपा नेताओं को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा, आम जनमानस शव संस्कार के समय जन प्रतिनिधियों द्वारा पीड़ित परिवार की मदद में प्रस्तावित वादों के प्रति जवाबदेही चाहता है। संतोष पाण्डेय ने कहा है कि सरकार भले ही परिवार की मदद में इतनी निष्ठुरता दिख रही है। लेकिन हम लोग अपने दायित्वों का निर्वाहन करते हुए शीघ्र ही पीड़ित परिवार के नाम एक बैंक अकाउंट नंबर जारी करके सर्व समाज के साथ एक मानवीय मुहिम पर अग्रसर होगे।23 सितंबर की देर शाम चिकित्सक की हत्या हुई। 25 सितंबर को धोपाप घाट पर शव का अंतिम संस्कार किया गया था। अंतिम संस्कार से पूर्व परिवार ने प्रशासन के समक्ष 6 मांगे रखी थी। सुरक्षा के लिए शस्त्र लाइसेंस, जमीन पर तत्काल कब्जा दिलाने, योग्यतानुसार रोजगार, एक करोड़ का मुआवजा,  अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी और आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की जाए। इन मांगों की संस्तुति भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. आरए वर्मा, लंभुआ से भाजपा विधायक सीताराम वर्मा, सदर विधायक राजबाबू उपाध्याय और पूर्व लंभुआ विधायक देवमणि द्विवेदी ने की। जिस पर तत्कालीन डीएम जसजीत कौर ने सहमति व्यक्त किया था।इन मांगों में जमीन पर परिवार को कब्जा तो दिला दिया गया है। लेकिन एक करोड़ के स्थान पर शासन से दस लाख की ही मदद मिल सकी है। अपराधी के घर पर ना तो बुलडोजर चला और ना ही उसकी गिरफ्तारी हो सकी। सुरक्षा की दृष्टि से दो सुरक्षा कर्मी लगाए गए हैं। बता दें कि हत्याकांड का मुख्य आरोपी अजय नारायण अब तक पकड़ा नहीं जा सका है। उस पर 50 हजार का इनाम घोषित है, यूपी एसटीएफ भी उसकी गिरफ्तारी के लिए लगाई गई है। उधर कोर्ट ने बीते सप्ताह उसके विरुद्ध  गैर जमानतीय वारंट जारी किया। और अब कोर्ट से कुर्की की कार्रवाई की नोटिस जारी हुई है।

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