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प्रधान को फंसाने के लिए की थी पत्नी की हत्या,राज खुला तो मेडिकल कॉलेज से कूदकर जान दी


झांसी जिले में सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां प्रधान और उसके परिवार को फंसाने के लिए 70 साल के नारायण सिंह ने अपनी 65 साल की पत्नी सुखमारी की हत्या कर दी। फिर अपने कंधे पर गोली मारकर लूट और हत्या की कहानी गढ़ दी। छानबीन शुरू हुई तो पुलिस नारायण सिंह की कहानी में उलझकर उस पर यकीन कर लिया।पुलिस ने घायल नारायण को झांसी मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया। लूट और मर्डर की FIR पर जांच शुरू की। लेकिन जांच में पुलिस को नारायण सिंह के बयान के उलट सबूत मिलते चले गए। नारायण सिंह को भी अंदाजा हो गया था कि उसका राज खुलने वाला है। नारायण सिंह ने घटना के 10 दिन बाद सोमवार सुबह 3 बजे मेडिकल कॉलेज की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी।नारायण सिंह लारौन गांव का रहने वाला था। 26 मई को उसने गांव के प्रधान परिवार पर हमला करने 22 लाख रुपए लूटने और पत्नी की हत्या करने का आरोप लगाया था।नारायण सिंह ने बताया था 26 मई की रात करीब 10 बजे मैं अपनी पत्नी सुखमारी राजा (65) के साथ घर पर था। तभी प्रधान परिवार के गोपाल सिंह, सुरेंद्र सिंह और आदित्य घर पर आए। पंचायत के बहाने वे प्रधान के घर ले गए। वहां पहले से प्रधान पति राजेंद्र, उनका भाई प्रीतम, बल्लन सिंह और हनुमत सिंह मौजूद थे। वहां पहुंचते ही मेरा 22 लाख रुपयों से भरा बैग छीन लिया और पीछे वाले गेट से बाहर निकाल दिया। हमने विरोध किया तो गोली चला दी। इसमें पत्नी सुखमारी की मौत हो गई थी। जबकि कंधे में गोली लगने से मैं घायल हो गया।नारायण सिंह ने पुलिस को यह भी बताया था कि मैंने 2012 में पड़ोसी प्रीतम सिंह और बल्लन खरे से 4.90 लाख रुपए का कर्ज लिया था। इसके बदले में अपनी जमीन गिरवी रखी थी। लेकिन उन लोगों ने धोखे से 18 बीघा जमीन अपने नाम करा ली। अभी जमीन पर उनका कब्जा है अब वे जमीन जोतने की बात कह रहे थे। हमारा परिवार विरोध कर रहा था। इसको लेकर कई बार पंचायत हो चुकी थी। लेकिन मामला नहीं निपट पाया। वे 60 लाख से ज्यादा रुपयों की डिमांड कर रहे थे।SSP  ने बताया शुरुआती जांच लूट और मर्डर की हुई। मगर क्राइम लोकेशन और साक्ष्य नारायण की बताई कहानी से मिल नहीं रहे थे। मोबाइल लोकेशन CDR देखने के बार पुलिस को शक हुआ। पुरानी हिस्ट्री में जाने पर जमीन और रुपयों का विवाद पता चला। इसके बाद कहानी घूम गई। इस दौरान नारायण का बेटा बृजेंद्र ने प्रधान पति राजेंद्र सिंह, प्रीतम, सुरेंद्र सिंह, आदित्य प्रताप, गोपाल सिंह, हनुमत और वल्लन खरे के खिलाफ कटेरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।SSP के अनुसार नारायण ने पुलिस को बयान दिए थे कि हत्याकांड के बाद 3 लोगों ने उसे संभाला। बताया था कि एक व्यक्ति ने उसे जख्म पर कपड़ा बांधा था। उस व्यक्ति ने पुलिस को बयान दिए कि उसने कपड़ा नहीं बांधा था। दूसरे ने कहा कि वो गांव में नहीं था टीकमगढ़ गया था। मोबाइल लोकेशन भी टीकमगढ़ में मिली। तीसरा व्यक्ति भी उस दिन गांव में नहीं था। इस प्रकार तीन लोगों के संभालने की बात गलत निकली।SSP ने कहा नारायण सिंह ने 22 लाख रुपए लूटने की बात बताई थी। जब उससे पूछा गया कि इतनी रकम कहां से लेकर आए थे तो कुछ लोगों के नाम बताए। पुलिस ने उन लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि उनमें से किसी ने भी नारायण सिंह को पैसे नहीं दिए। वहीं 7 लोगों पर हत्या का आरोप था। एक मुख्य आरोपी ने बताया कि वो घटना के समय गांव से दूर मऊरानीपुर में था। जांच की गई तो वह हत्या के समय मऊरानीपुर के एक सीसीटीवी में नजर आ रहा है। इससे साफ हो गया कि वो वारदात में शामिल नहीं था।जांच में मालूम चला कि नारायण ने कुछ दिनों पहले ही मऊरानीपुर निवासी एक युवक से तमंचा खरीदा था। पुलिस ने उस युवक से पूछताछ की तब उसने भी नारायण से जुड़े कई राज उगल दिए। SSP के मुताबिक सोमवार को नारायण के डिस्चार्ज होने के साथ उसे गिरफ्तार करके जेल भेजने की तैयारी थी। इसकी नारायण को भनक लग गई। खुद को बचाने के लिए उसने छत से छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया।

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