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प्रजापति महासभा द्वारा आज स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीद रामचंद्र विद्यार्थी की जयंती मनाई गई


सुलतानपुर आज राष्ट्रीय प्रजापति महासभा द्वारा सिविल लाइन स्थित जिला कार्यालय पर अमर शहीद वीर क्रांतिकारी बालक राम चंद्र विद्यार्थी की जयंती मनाई गई मुख्य अतिथि प्रदेश महासचिव वीरेंद्र भार्गव ने अमर शहीद की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उनको श्रंधांजलि दी उन्होंने कहा कि  भारत की आजादी के इतिहास में एक 13वर्ष का वीर क्रांतिकारी बालक अमर_शहीद_रामचन्द्र विद्यार्थी राष्ट्रपिता_महात्मा_गांधी जी के अंग्रेजों_भारत_छोड़ो_आंदोलन से प्रेरित होकर क्रांतिकारी बालक ने लाखों की भीड़ में अपने विद्यालय से पैदल चलकर अंग्रेजों से भारत माँ को आजाद कराने के लिए सहपाठियों के साथ लगभग 20 किमी देवरिया जिले में देवरिया_कचहरी पर चढ़कर ब्रिटिश जैक को उखाड़ फेंका, और इन्कलाब जिंदाबाद के नारों के साथ भारतीय तिरंगा फहराते हुये अपने सीने पर गोलियां खाई ,और भारत माता की जय बोलते हुए भारत माँ की गोंद में सर रखकर हमेशा के लिए शहीद हो गए। भारतीय इतिहास में इतने कम उम्र में इतना बड़ा योगदान देश के प्रति बलिदान देने वाला बहुत कम ही ऐसे उदाहरण होगा जिला अध्यक्ष माता प्रसाद प्रजापति में उनके जीवन परिचय में बताया कि अमर शहीद रामचंद्र विद्यार्थी का जन्म 1 अप्रैल 1929 को उत्तर प्रदेश के जिला देवरिया के नौतन हतियागढ़ गांव में बाबूलाल प्रजापति के घर हुआ था। माता मोतीरानी का पुत्र रामचन्द्र विद्यार्थी सातवीं कक्षा में ही आजादी का दीवाना था। 9 अगस्त 1942 को महात्मा गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ अंग्रेजों भारत छोड़ों आंदोलन का ऐलान किया था। रामचन्द्र विद्यार्थी इस आंदोलन में कूद पडे और उन्होंने 14 अगस्त 1942 को ही देवरिया कचहरी पर तिरंगा फहरा दिया था उसी समय अंग्रेजों ने उनको अपनी गोली का शिकार बना दिया जिसमें वे शहीद हो गए। उन्होंने मात्र 13 वर्ष की उम्र में देश के लिए अपनी जान दे दी।असिस्टेंट प्रोफेसर अंतिम प्रजापति ने कहा कि अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देवरिया जिले में सुभाष चौक के निकट शहीद रामचंद्र विद्यार्थी हेरिटेज सेंटर का निर्माण कराया उन्होंने कहा कि अमर शहीद रामचन्द्र विद्यार्थी नौजवानों के लिए प्रेरणा स्त्रोत है हेरिटेज स्थल देवरिया की ऐतिहासिक धरोहर है। शहीद रामचन्द्र विद्यार्थी स्मारक स्थल पर 2 करोड़ 7 लाख रुपये की लागत से ज्यादा बजट से निर्माण हुआ है। जब तक सूरज चाँद रहेगा तब तक क्रांतिकारी वीर विद्यार्थी अमर शहीद रामचन्द्र जी का नाम रहेगा कार्यक्रम में मुख्य रूप से शिव प्रसाद भार्गव , हरिराम प्रजापति, बेंचूं प्रसाद, बृजेश कुमार, अनिल प्रजापति, अयोध्या , वेदांत प्रजापति, सुनिल कुमार, जय प्रकाश, अरुण, रोहित, मदन आदि मौजूद रहे।

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