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मिट्टी बन गई लॉकर में रखी नोटों की गड्डी

 


अपनी जमा पूंजी को संभालने का सबसे सुरक्षित स्थान हर किसी को बैंक ही लगता है।जीवन भर की गाढ़ी कमाई हो या फिर गहने सुरक्षित रखने हो सभी के लिए सबसे पहले बैंक ही दिमाग में आता है।कभी अकाउंट खोलकर तो कभी लॉकर लेकर लोग अपनी कीमती चीजें बैंक के सुपुर्द रखकर निश्चिंत हो जाते हैं लेकिन ज़रा सोचिये अगर बैंक की लापरवाही से आपको लाखों का नुकसान हो जाए तो फिर ऐसे में आप क्या करेंगे। एक महिला के साथ कुछ ऐसा ही हुआ जो लॉकर से अपने रुपए लेने गए तो अंदर का मंजर देखकर उनके होश उड़ गए।मामला राजस्थान के उदयपुर के कालाजी-गोराजी ब्रांच का है। जहां करीब 1 साल पहले ही सुनीता मेहता नाम की महिला ने PNB में लॉकर लेकर करीब सवा 2 लाख रुपए की नोटों की गड्डियां रखी थी।लेकिन जब उसे निकालने पहुंचे, तो नोटों की गड्डियां मिट्टी बन चुकी थीं। पीड़ित कस्टमर ने बताया कि नोटों की गड्डियों में दीमक लग गए थे। जिससे सारे के सारे नोट खराब हो गए।कुछ तो बैंक ने शिकायत करते ही बदल दिए, कुछ के लिए आश्वासन देकर छोड़ दिया।मामले को लेकर महेश सिंघवी नाम के शख्स ने बताया कि PNB के ब्रांच में पत्नी सुनीता मेहता के नाम से लॉकर खुलवाया था।जिसमें करीब 2.15 लाख रुपए के नोटों की गड्डी रखी थी। लॉकर पिछले साल मई में ही लिया गया था। तब तक सारे नोट पूरी तरह सुरक्षित थे। लेकिन जब कैश की जरूरत पड़ी और गुरुवार को लॉकर खुलवाया गया तो मिट्टी बन चुकी नोटों की गड्डी देख उनके होश उड़ गए।लॉकर दीमक से भर चुका था, गड्डियां लॉकर में चिपक गई थी, कुछ तो पाउडर बन चुकी थी तो कुछ को दीमक ने खराब करना शुरु कर दिया था।यानि कुल मिलाकर अब उनके काम का एक भी नोट नहीं बचा था।अपनी लाखों के नोट की ऐसी बर्बादी देख कस्टमर्स आगबबूला हो गए। उन्होंने फौरन इसकी शिकायत बैंक प्रबंधन से की तो 15,000 की नोटों की गड्डी तो बैंक ने बदल दी। लेकिन बाकी के लिए आश्वासन दे कर बैठ गए।उधर पीड़ित कस्टमर्स का आरोप है कि बैंक ने लापरवाही बरती और समय पर पेस्ट कंट्रोल नहीं करवाया नतीजा ये हुआ कि लॉकर्स में दीमक ने अपना घर बना लिया और उन्हें भारी नुकसान हुआ तापमान शिकायत के बाद आशंका है कि बाकी लॉकर्स में भी दीमक ने अपना प्रकोप दिखा दिया होगा।जिसे लेकर बैंक प्रबंधन जल्द ही किसी कार्रवाई की बात कर रहा है। बताया गया कि बैंक की शाखा में सीलन की समस्या की वजह से दीमक का प्रकोप बढ़ गया।

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