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UP में बिजली महंगी करने की तैयारी


लखनऊ उत्तर प्रदेश के 3 करोड़ बिजली उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ सकती है। बिजली कंपनियां 13 से 15 फीसदी तक बिजली दर बढ़ाने की तैयारी में जुट गई है। जानकारों का कहना है कि अगले एक सप्ताह के अंदर नियामक आयोग में इसके लिए आवदेन किया जाएगा।उत्तर प्रदेश में कभी कोविड तो कभी चुनाव होने की वजह से पिछले 3 साल से बिजली दर नहीं बढ़ी है। बिजली कंपनियां वार्षिक राजस्व आवश्यकता को दिखाते हुए प्रस्ताव नियामक आयोग में पेश करेगी। हालांकि इसका विरोध अभी से शुरू हो गया है। उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर पैसा निकल रहा है। ऐसे में दर बढ़ने की जगह कम होना चाहिए।उपभोक्ता परिषद का कहना है कि उपभोक्ताओं का करीब 25 हजार करोड़ रुपए बिजली कंपनियों पर निकल रहा है। उस पैसे के हिसाब से उत्तर प्रदेश में दर बढ़ने की जगह कम होना चाहिए। पिछली बार भी जब दर बढ़ाने का प्रस्ताव आया था तो यही दलील उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा की तरफ से दी गई थी।उपभोक्ता परिषद की तरफ से मांग उठाई गई है कि बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं से 25,133 करोड़ रुपए ज्यादा वसूले है। उसके आधार पर दर कम होना चाहिए। अवधेश वर्मा का कहना है कि 5 साल तक बिजली दरों में 7 प्रतिशत की कमी आसानी से की जा सकती है। बढ़ाकर विभाग के घाटे को कम करने की कोशिश। राजस्व से बिजली कंपनियां इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की बात करती हैं। पावर कॉरपोरेशन करीब एक लाख करोड़ रुपए के घाटे में चल रहा है। 2.50 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीदना है कि इसके लिए 25,000 करोड़ रुपए की जरूरत है।  नियामक आयोग का आदेश है कि मीटर का पैसा उपभोक्ता से नहीं लिया जाएगा ऐसे में बिजली दर बढ़ा कर दूसरे रास्ते से वसूली की तैयारी

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