आयकर ऑफिस की कैंटीन में फर्जी इंटरव्यू
लखनऊ इनकम टैक्स विभाग के मुख्यालय प्रत्यक्ष कर भवन में भी इंटरव्यू का खेल चल रहा था। यही नहीं जो नियुक्ति पत्र बांटे गए हैं उस पर प्रिंसिपल चीफ कमिश्नर की सील लगी हुई थी।आयकर भवन में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाला एक गिरोह पकड़ा गया है। हैरत की बात है कि ये गिरोह प्रत्यक्ष कर भवन के अंदर ही नौकरी दिलाने के नाम पर 2 से 5 लाख रुपए की वसूली कर रहा था। करीब 15 दिन से कार्यालय की कैंटीन में इंटरव्यू चल रहे थे।मगर किसी अधिकारी को इसकी भनक तक नहीं लग पाई। इस ठगी का शिकार हुए एक व्यक्ति ने जब पुलिस और अधिकारियों से शिकायत की तो यह फर्जीवाड़ा पकड़ में आया। गिरोह में शामिल प्रियंका और 7 लोग पकड़े गए है। उनके पास से विभाग की मोहर-दस्तावेज मिले हैं।मुख्यालय में ये गिरोह खुद को प्रशासनिक अधिकारी बताकर लोगों को कैंटीन के पास बुलाते थे। उनका इंटरव्यू लेकर नियुक्ति पत्र भी थमा देते थे। नियुक्ति पत्र के बाद वह टोकन मनी के तौर पर 3 से 5 लाख रुपए लेते थे। बताया जा रहा है कि SS श्रीवास्तव प्रशासनिक अधिकारी के नाम पर 100 से अधिक लोगों ने नौकरी के नाम पर पैसे लिए गए।दरअसल मंगलवार की शाम कुछ अधिकारी कैंटीन में पहुंचे तो वहां नए चेहरे दिखे। पूछने पर पता चला कि किसी प्रियंका मैडम से मिलने आए हैं। उस दौरान कुल 9 लोग प्रियंका का इंतजार कर रहे थे। अधिकारियों को शक हुआ तो उनसे पूछताछ की। ऐसे में सभी लोग भागने लगे।इसके बाद मेन गेट को बंद करवा दिया गया। हालांकि, तब तक दो लोग भाग चुके थे। 7 लोग पकड़ में आए। उनको कैंटीन में बैठा लिया गया। उसके बाद प्रियंका आई तो राज खुला। पूछताछ में पता चला की महिला 15 दिन से लगातार मुख्यालय परिसर में युवक-युवतियों का इंटरव्यू ले रही थी।विभागीय सूत्र के मुताबिक, हाल के दिनों में खेल कोटा में कई पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। इसी भर्ती के लिए गोमतीनगर स्थित कार्यालय से इंटरव्यू लेटर जारी किया गया था। वहां खेल कोटा के अभ्यर्थियों की फिजिकल स्क्रीनिंग हाल में ही खत्म हुई।इसी को आधार बनाकर इस गिरोह ने फर्जीवाड़े का खेल खेलना शुरू कर दिया। जालसाजों ने फ्री-जॉब अलर्ट वेबसाइट पर इसका विज्ञापन दिया। इसके जरिए बेरोजगारों के आवेदन कराया। इसके बाद सभी से अपने गिरोह के सदस्यों के जरिए संपर्क कर रुपए वसूले।सूत्रों के मुताबिक, फर्जीवाड़ा गिरोह की महिला रोज कार्यालय पहुंचती थी। प्रत्यक्ष कर भवन में तैनात सभी अधिकारियों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करती थी। अधिकारी कब आते हैं कौन-कौन अधिकारी बैठता है उनका क्या अधिकार है किस अधिकारी के हस्ताक्षर से नियुक्ति होती है किस अधिकारी के नाम व पद की मुहर बनानी है किस तरह का नियुक्ति पत्र बनाया जाए जो असली दिखे इन सभी जानकारियों को जुटाने के बाद महिला ने अपना फर्जीवाड़े का खेल शुरू किया। लेकिन यहां पर प्रत्यक्ष कर भवन में उसके प्रवेश करने के तरीके पर सवाल खड़ा हो रहा है। इसमें जरूर कोई न कोई विभाग का बड़ा अधिकारी शामिल है। सूत्र बताते हैं कि बिना अनुमति के अंदर प्रवेश करना आसान नहीं है।प्रत्यक्ष कर विभाग ने महिला और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज करा दिया है। महिला सहित 8 लोगों को पुलिस को सुपुर्द कर दिया गया। पुलिस महिला से पूछताछ कर गिरोह में शामिल अन्य लोगों का पता कर रही है।
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