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14 साल की बच्ची मां बन गई


लखनऊ बाराबंकी जिले की रहने वाली एक बच्ची उम्र है 16 साल। दो साल पहले, बच्ची का 6 महीने तक 3 लोगों ने गैंगरेप किया। उसे तड़पता हुआ गांव के बाहर झाड़ियों में फेंक दिया। अब बच्ची की गोद में डेढ़ साल का एक बेटा है।अब नवंबर 2022 में ये बच्ची और उसके मां-बाप बाराबंकी जिला अस्पताल में भर्ती हैं। वजह ये कि जिन लोगों ने उसके साथ रेप किया, 2 साल बाद उन्हीं के परिवारवालों से रेप केस वापस करने की बात को लेकर झगड़ा हुआ। जिसके थोड़ी देर बाद आरोपी के 3-4 परिवारवाले लाठी-डंडा लेकर लड़की के घर पहुंच गए। उसके मां-बाप के हाथ-पैर तोड़ दिए। कुदाल मारकर उसका भी सिर फोड़ दिया।उस वक्त लड़की का छोटा भाई, छोटी बहन और बच्चा घर के अंदर था इसलिए वो बच गए। लेकिन लड़की के सिर पर गहरे घाव हैं, जो एकदम ताजे हैं।साल 2020, गर्मी का मौसम था। शायद जून या जुलाई। लड़की को महीना ठीक-ठीक याद नहीं। शाम के वक्त वो घर से दुकान पर बिस्कुट लेने गई। दुकान घर से करीब 200 मीटर की दूरी पर थी। लड़की सामान लेकर लौट रही थी कि गांव के ही 3 लोग; चंद्र प्रकाश ( 60) सरवन (25) और चन्दन जिसकी  करीब (14) साल थी, तीनों ने पीछे से आकर एक सफेद कपड़ा उसके मुंह पर लगा दिया। लड़की बेहोश हो गई।लड़की को जब होश आया तो वो एक अंधेरे कमरे में जमीन पर पड़ी हुई थी। कुछ देर बाद वो तीनों आदमी आए। उसे मारा-पीटा और वहां से चले गए। रात में दो लोग फिर वापस आए। दोनों ने लड़की के साथ रेप किया। लड़की दर्द से चिल्लाती रही पर सुनने वाला वहां कोई नहीं था।गैंगरेप का ये सिलसिला करीब 6 महीने तक चलता रहा। वो लोग दिन में दो बार कमरे में आते। सुबह उसे कुछ खाने को देते और चले जाते। रात को तीनों में से कोई ना कोई आकर उसके साथ रेप करता। वो दिन भर कमरे में अकेले पड़ी पेट दर्द से कराहती और जोर-जोर से चीखती रहती।पीड़िता ने बताया जब मैं बहुत ज्यादा चिल्लाती तो वो लोग आकर मुझे बेहोश कर देते। कभी-कभी मैं बेहोशी से उठती तो मेरे कपड़े बदले होते। बेहोशी की हालत में ही वो लोग मेरे कपड़े बदल देते थे इस बीच पीड़िता के परिवार वाले उसे ढूंढते रहे। कई बार पुलिस के पास भी गए पर कंप्लेंट दर्ज नहीं हुई। पुलिस वाले लड़की को जल्द ढूंढने की बात कहकर उन्हें वापस भेजते रहे।6 महीने बाद उन लोगों ने पीड़िता को गांव के पास झाड़ियों में फेंक दिया। वो बेहोश हो गई। करीब आधे घंटे बाद होश आया तो लड़खड़ाती हुई घर पहुंची। मां-बाप अपनी बच्ची को इतने दिन बाद देखकर खुश तो हुए पर उसकी हालत देखकर कुछ समझ नहीं पा रहे थे। पीड़िता ने उन्हें पूरी बात बता दी। अब तक पीड़िता के लापता होने का मामला स्थानीय पुलिस ने दर्ज नहीं किया था।कुछ दिन बीते। पीड़िता धीरे-धीरे सब भूलने लगी थी। अचानक पीड़िता की तबीयत खराब होने लगी। आए दिन उल्टियां होतीं, पेट दर्द होता। जब दर्द बढ़ जाता तो दवा खाकर आराम कर लेती। कुछ दिन ऐसे ही चलता रहा पर दर्द कम नहीं हुआ। पीड़िता अपने मां-बाप के साथ डॉक्टर के पास गई। पीड़िता की जांच हुई।जांच की रिपोर्ट्स आईं तो बच्ची के माता-पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई। लड़की के पेट में एक बच्चा था। लड़की की मां ने कहा, “हमने बहुत हिम्मत जुटाकर अपनी लड़की को ये बताया कि वो मां बनने वाली है। जैसे-तैसे हम सबने हालातों से समझौता कर लिया और बच्चे को पालने का तय किया।लड़की के परिवार वालों ने बताया कि आरोपियों को भी हमारी लड़की के प्रेग्नेंट होने का पता चल गया। आए दिन वो घर आकर उसे डॉक्टर के पास ले जाते। बच्चा गिरवाने की हर मुमकिन कोशिश करते। उसे तरह-तरह की दवा भी दिलाई। वो लोग दबंग थे तो उनके सामने हम कुछ कर भी नहीं कर पा रहे थे। साथ ही चंद्र प्रकाश  पर पहले भी मारपीट और दबंगई की वजह से कई केस भी चुके हैं।लेकिन वो बच्ची को जितने भी डॉक्टर के पास ले जाते सब एबॉर्शन करने से मना कर देते क्योंकि उसकी उम्र अभी सिर्फ 14 साल ही थी। एबॉर्शन से बच्ची की जान को खतरा हो सकता था।साल 2021, घटना को करीब 6-7 महीने बीत चुके थे। लड़की के पेट में बच्चा पल रहा था। एक दिन प्रधान समेत कुछ गांव वाले लड़की के घर गए। मां-बाप को बेहोश कर दिया। लड़की को जबरदस्ती मंदिर ले गए। मंदिर में कुछ लोगों ने मिलकर लड़की को साड़ी पहनाई, तैयार किया। उसके बाद रेप के आरोपियों में से एक, लड़के से शादी करा दी।जिस लड़के से शादी हुई वो भी नाबालिग था, उसकी उम्र करीब 14 साल थी। शादी होने के बाद मामले की पूरे गांव में चर्चा होने लगी। लड़की के घर वालों ने इस बार स्थानीय थाने की बजाए बाराबंकी थाने में रिपोर्ट की। जिसके बाद तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया गया। इस समेत चंद्र प्रकाश और सरवन जेल में बंद हैं, जबकि चन्दन नाबालिग गृह में है। इसके कुछ दिन बाद ही पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया। अब वो बच्चा डेढ़ साल का है।30 अक्टूबर 2022, लड़की के पिता खेत की तरफ गए। वहां आरोपी चंद्र प्रकाश   परिवार के भी लड़के खड़े थे। दोनों पक्षों की आपस में गाली-गलौज हुई। जमकर झगड़ा हुआ लेकिन फिर मामला खत्म हो गया।झगड़े को करीब एक घंटा बीत चुका था। पीड़िता के माता-पिता घर के बाहर पड़ी खटिया पर लेटे थे। तभी चंद्र प्रकाश  के परिवार के 3-4 लड़के हाथ में डंडा लेकर दौड़ते हुए आए और पिता के पैर पर डंडा मारने लगे। पास में बैठी लड़की की मां को भी डंडे से बहुत मारा। जब तक दोनों के हाथ पर टूट नहीं गए लड़कों ने डंडे मारना बंद नहीं किया।पीड़िता और उसकी छोटी बहन घर के अंदर किचन में काम कर रहे थे। अपने मां-बाप के चिल्लाने की आवाज सुनकर पीड़िता बाहर आई तो उन्होंने उसके सिर पर कुदाल से हमला किया। लड़की के सिर पर गहरे घाव हैं।मारपीट करने वाले सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही लड़की और उसके माता-पिता बाराबंकी जिला अस्पताल में भर्ती हैं और अपना इलाज करवा रहे हैं।

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