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अयोध्या दीपोत्सव में निकलने वाली झांकी होगी आकर्षण का केंद्र


लखनऊ अयोध्या में दीपोत्सव की धूम है। जहां राम की पैड़ी पर 17 लाख दीप प्रज्वलित किए जाएंगे तो वही अयोध्या के लगभग 8 हजार मठ मंदिरों में हजारों की संख्या में दीप प्रज्वलित होंगे। कुछ ऐसा ही नजारा त्रेतायुग में देखने को मिला था।

जब भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे।लेकिन कलयुग में भाजपा की सरकार आने के बाद अयोध्या की जो तस्वीर थी। वह दिन प्रतिदिन बदलती जा रही है। शायद यही वजह है कि जब से प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी बने तब से अयोध्या में भव्य और दिव्य दीपोत्सव का आयोजन चला आ रहा है
।हर बार दीपोत्सव में अयोध्या विश्व के मानचित्र पर स्थापित होती है। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करती है।लेकिन इस बार का छठवां दीपोत्सव बेहद खास होने जा रहा है। क्योंकि योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला दीपोत्सव है। जिसमें चार चांद लाने के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हो रहे हैं। दीपोत्सव में सबसे आकर्षण का केंद्र 16 झांकियां है। जिनमें 11 झांकियां सूचना विभाग तो पांच डिजिटल झांकियां पर्यटन विभाग की है।झांकियों में सबसे आकर्षण का केंद्र भगवान राम के बाल्यावस्था से लेकर राज्याभिषेक तक की झांकियां निकाली जाएंगी। जिसमें जब रावण ने माता सीता को हर लिया और उन्हें अशोक वाटिका में बैठाया गया तब हनुमान जी अशोक वाटिका में माता सीता से मिलने गए। आकर्षण का केंद्र रहने वाली झांकी जिसमें भगवान राम को 14 वर्ष का वनवास मिला और राजा दशरथ के आंखों में आंसू दिख रहा है। झांकी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है।11 झांकियों में से एक झांकी माता सीता को जब रावण ने अपने पुष्पक विमान पर लंका ले जा रहा था। उसकी भी दृश्य दीपोत्सव में दिखाई जाएगी।शबरी के लंबे इंतजार के बाद जब भगवान राम शबरी की कुटिया में पहुंचे तो शबरी ने अपने झूठे बेर भगवान राम को खिलाएं और वानर राज का पता भगवान राम को शबरी ने बताया।

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