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शिक्षिका के उत्पात से भयभीत बच्चों ने स्कूल छोड़ा


लखनऊ शहर के दुबग्गा इलाके से सटे काकोरी ब्लॉक के भरोसा कम्पोजिट स्कूल की सहायक अध्यापिका के उग्र व्यवहार व उत्पात से डरे सहमे 200 बच्चों ने 15 दिन से स्कूल आना बंद कर दिया है। मंगलवार को आरोपी शिक्षिका ने 70-80 बच्चों को कक्षा में बंद कर बाहर से कुंडी लगा दी थी। इससे नाराज 150 से अधिक अभिभावकों ने बुधवार को स्कूल का घेराव किया। प्रधानाध्यापक ने समझाकर स्थिति संभाली। अभिभावकों, सहयोगी शिक्षकों, रसोइया और एसएमसी सदस्यों के साथ प्रधानाध्यापक ने बीएसए से मिलकर शिकायत दर्ज कराई। दोपहर में बीएसए ने स्कूल का दौरा कर हकीकत जानीं।कम्पोजिट स्कूल भरोसा के प्रधानाध्यापक वीरेन्द्र सिंह का कहना है कि स्कूल की एक सहायक शिक्षिका का व्यवहार इस समय अच्छा नहीं है। ऐसी हरकत करने लगती हैं कि बच्चे क्या शिक्षक भी भयभीत हो जाते हैं। तरह-तरह की बातें होने लगती हैं। कोई भूतप्रेत की बाधा बताता है तो कोई मानसिक बीमारी बता रहा है। शिक्षिका करीब एक माह से स्कूल में उत्पात कर रही हैं। स्कूल में पंजीकृत करीब 350 बच्चों में से 200 बच्चे डर की वजह से स्कूल नहीं आ रहे हैं। शिक्षकों रसोइयों व अभिभावकों तथा प्रशिक्षु शिक्षकों से कई बार मारपीट व गलत व्यवहार कर चुकी हैं। मंगलवार को टेनिस शिक्षक की पिटाई कर दी थी। स्टाफ के वाहनों को क्षतिग्रस्त करने के साथ ही खाना व पानी बोतल फेंक देती हैं। बच्चों व स्टाफ की सुरक्षा के लिए स्कूल में पुलिस लगानी पड़ी।बच्चों की सुरक्षा को लेकर बुधवार सुबह स्कूल खुलते ही करीब 150 अभिभावक स्कूल पहुंच गए। प्रधानाध्यापक व अन्य शिक्षकों से अपने बच्चों की सुरक्षा और नियमित पढ़ाई पर बात की। बुधवार को ही प्रधानाध्यापक शिक्षकों, अभिभावकों के साथ बीएसए अरुण कुमार से मिलने उनके कार्यालय पहुंचे। बीएसए को पत्र देकर शिक्षिका को स्कूल से हटाने का अनुरोध किया है। बीएसए को बताया कि शिक्षिका के उग्र व्यवहार से स्कूल के करीब 200 बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं।बीएसए ने कहा कि शिक्षकों व अभिभावकों की शिकायत पर स्कूल का निरीक्षण किया गया है। स्कूल के बच्चों ने बताया कि शिक्षिका बेवजह पीटने लगती है, मंगलवार को कमरे में बंद कर दिया था। आरोपी शिक्षिका स्कूल नहीं आई थी। उसके पिता से फोन पर बात की तो उन्होंने बताया कि बेटी अवसाद में है। शिक्षिका के पिता को सलाह दी गई है कि वह इलाज कराएं। ठीक होने पर ही स्कूल भेजें, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो। बीएसए ने बताया कि शिक्षक के साथ मारपीट व बच्चों के क्लास रूम में बंद करने के आरोप गलत हैं। दूसरे शिक्षक बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं।

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