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उम्र का सैकड़ा पार, मिल रहा दोगुनी पेंशन का उपहार

 


लखनऊ उत्तर प्रदेश में 744 लोग ऐसे है, जो जीवन के सौ से अधिक बसंत पार कर चुके हैं। यह कभी सरकारी सेवा में थे। उनको अच्छी सेहत और लंबी उम्र की सौगात मिली तो सरकार भी उन्हें दोगुनी पेंशन का उपहार दे रही है। प्रदेश में 80 साल से अधिक के ऐसे करीब 12 फीसदी पेंशनर हैं, जिन्हें बढ़ी हुई पेंशन का लाभ मिल रहा है।पेंशनधारकों के लिए सरकार ने उम्र के लिहाज से कई स्लैब बना रखे हैं। 100 साल की उम्र पूरी होते ही बेसिक पेंशन में सौ फीसदी की बढ़ोत्तरी हो जाती है। प्रदेश में पेंशनरों की संख्या 12 लाख से अधिक है। इनमें से तकरीबन एक लाख 36 हजार ऐसे हैं, जो 80 साल से अधिक हैं। यह हैं पेंशन बढ़ोत्तरी के स्लैब मूल पेंशन में वृद्धि का सिलसिला पेंशनर के 80 साल का होने पर शुरू होती है। 80 साल पर 20 फीसदी, 85 साल पर 40 फीसदी, 90 साल पर 60 फीसदी, 95 साल पर 80 फीसदी और 100 साल का होने पर 100 प्रतिशत वृद्धि हो जाती है।जब्बार सबसे उम्रदराज प्रदेश के मौजूदा पेंशनधारकों का डाटा देखें तो हमीरपुर के जब्बार अली सबसे उम्रदराज पेंशनर हैं। वे 108 वर्ष के हैं। वहीं फेमिली पेंशनरों की सूची में सबसे पहला नाम कासगंज की फूलकुमारी का है। वे 113 साल की हैं। वहीं कैशलैस इलाज की सुविधा से बुजुर्ग पेंशनरों को काफी लाभ होगा। इसमें पांच लाख तक मुफ्त इलाज की सुविधा है।दिक्कत कोषागार के बाबू करते हैं परेशान पेंशनरों को सरकार तो सुविधा दे रही है मगर पेंशनरों को इसका लाभ देने के बदले तमाम बाबू सुविधा शुल्क मांगते हैं। नियमानुसार पेंशनर के 80 साल का होते ही उसकी पेंशन में तत्काल 20 फीसदी की वृद्धि हो जानी चाहिए। मगर ऐसा होता नहीं है। उम्र बढ़ने पर बाबू एरियर दिलवाने के नाम पर सौदेबाजी करते हैं। उसके बाद स्लैब के अनुसार खुद ही पेंशन में वृद्धि होती जाती है। निदेशक कोषागार आलोक अग्रवाल बताते हैं कि बीते साल में 17 हजार से अधिक मामलों में पेंशनरों को 20 फीसदी की पेंशन वृद्धि का लाभ दिलाया गया है।

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