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अनमय की मदद को आगे आए गौरीगंज सपा विधायक 5 लाख की किया मदद,आप सांसद संजय सिंह ने भी किया लोगो से अपील


सुल्तानपुर जिले के अनमय की मदद के लिए लगातार अपील का दौर जारी है। अब आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह व अमेठी के गौरीगंज से सपा विधायक राकेश सिंह ने मदद के लिए अपील किया है। राकेश सिंह ने मदद में 5 लाख रुपए भी दिए हैं।

सांसद संजय सिंह ने अपील करते हुए कहा है कि अनमय एक ऐसी दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा जिसका इलाज दुनिया में इतना महंगा है कि एक सामान्य आदमी के लिए संभव नहीं है। इसका इलाज आपके हाथ बढ़ाने से ही संभव है। मीडिया पर खबर आने के बाद एक करोड़ रुपए जमा हुए हैं, लेकिन जो इंजेक्शन लगना है उसकी कीमत 16 करोड़ रुपए है। इसी प्रकार अमेठी के गौरीगंज से सपा विधायक राकेश सिंह अनमय की मदद में आगे आये। उन्होंने 5 लाख रुपयों की मदद दी है। उन्होंने कहा मैं समाज के सभी लोगो से अपील करता हूं इस परिवार की मदद करें। उन्होंने ये भी कहा है कि इस बच्चे की मदद करने से ज्यादा मैं ये नहीं समझा कि हम चारों धाम की यात्रा करें। बता दें कि अब तक 31 हजार 716 लोगो ने 36 दिनों में एक करोड़ 39 लाख 67 हजार रुपए की मदद किया है।

तीन दिन पूर्व मुख्यमंत्री से मिला था परिवार 

इससे पहले 2 सितंबर को कादीपुर विधायक राजेश गौतम ने अनमय के माता-पिता की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  से मुलाकात कराया था। उन्होंने परिवार को मदद के लिए आश्वसत किया है।

वहीं एक्टर सोनू सूद ने अनमय की जिंदगी बचाने के लिए 54 सेकेंड का एक वीडियो जारी कर मदद की अपील किया था। सुल्तानपुर से भाजपा विधायक विनोद सिंह, कादीपुर भाजपा विधायक राजेश गौतम, इसौली विधायक ताहिर खान व जौनपुर के बदलापुर से भाजपा विधायक रमेश चंद मिश्र व शाहगंज विधायक सुरेश सिंह ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर विवेकाधिकार कोष से मदद करने का आग्रह किया था।जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने 11 अगस्त को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था।

बैंक कर्मचारी हैं अनमय के पिता 

अनमय के पिता सुमित कुमार सिंह बैंक कर्मचारी हैं। करीब 3 माह पहले अनमय की शारीरिक ग्रोथ में कुछ कमी हुई, परिवार ने उसे दिल्ली के सर गंगा राम और एम्स जैसे बड़े अस्पताल में दिखाया। वहां पता चला कि अनमय को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी यानि SMA टाइप वन नाम की गंभीर बीमारी हो चुकी है। जो करोड़ो बच्चों में एकाध को ही होती है। इस बीमारी के लक्षण मात्र 6 माह में ही आने लगते हैं और 2 साल के भीतर ही बच्चे की मौत हो जाती है।

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