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फर्जी नियुक्ति पत्र पर नौकरी कर रहे 5 टीचर पहुंचे सलाखों के पीछे

 


लखनऊ फर्जी नियुक्ति पत्र दिखाकर इंटर कॉलेजों में सरकारी टीचर का पद हथियाने वाले 5 फर्जी शिक्षकों को अपने करतूतों की वजह से आखिरकार हवालात जाना पड़ा। आजमगढ़ जिले के निवासी सभी 5 फर्जी शिक्षकों को DIOS ने गिरफ्तार करवा कर जेल भिजवा दिया। जनपद झांसी में फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए यह पूरा फर्जीवाड़ा किया गया। मऊरानीपुर थाना क्षेत्र के वीरा व बम्होरी सुहागी के विद्यालय में फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए दो अधियापिकाएं नौकरी करती हुई पकड़ी गई। जिला विद्यालय निरीक्षक की सूचना पर पुलिस ने 2 शिक्षिकाओं सहित 5 शिक्षकों के खिलाफ मऊरानीपुर और गरौठा थाने में मुकदमा दर्ज करवाया।मऊरानीपुर कोतवाली क्षेत्र के राजकीय बालिका हाई स्कूल वीरा की प्रधानाध्यापिका ऊषा पाठक ने पुलिस को बताया कि विद्यालय में तैनात हिंदी की सहायक अध्यापक ग्राम लक्षीरामपुर पोस्ट हीरापट्टी तहसील सदर जनपद आजमगढ़ निवासी अमृता कुशवाहा ने फर्जी नियुक्ति पत्र के माध्यम से 20 जुलाई को राजकीय बालिका हाई स्कूल वीरा में सहायक अध्यापक हिंदी के पदभार ग्रहण किया था। वहीं राजकीय बालिका हाई स्कूल बम्होरी सुहागी की प्रधानाध्यापिका पूनम बौद्ध ने भी स्थानीय थाने की पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि आजमगढ़ निवासी मैनावती ने भी फर्जी  नियुक्ति पत्र दिखाकर दिनाक 27 जून 2022  को कार्यालय शिक्षा निदेशक उत्तर प्रदेश प्रयागराज द्वारा 20 जुलाई को बम्होरी सुहागी में सहायक अध्यापक का पदभार ग्रहण कर लिया। आरोप है कि शिक्षिकाओं द्वारा फर्जी दस्तावेज तैयार कर सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति ली थी।वहीं इस मामले में गरौठा पुलिस ने भी ग्राम खड़ौरा हाई स्कूल में तैनात 3 शिक्षकों के विरूद्ध मामला दर्ज किया है। इस फर्जी भर्ती के मामले में भी जिला विद्यालय निरीक्षक को तीनों शिक्षकों के नियुक्ति पत्र फर्जी होने की सूचना मिली थी।जिला विद्यालय निरीक्षक ने इन तीनों फर्जी शिक्षको के खिलाफ भी थाने में मुकदमा लिखवाकर उन्हें गिरफ्तार करवा दिया।वहीं इस पूरे फर्जीवाड़े में पुलिस को एक अहम सफलता भी हाथ लग गई है। पांचों फर्जी शिक्षकों से कड़ाई से पूछताछ में पुलिस ने उनकी निशानदेही पर गैंग के मुख्य सरगना को भी गिरफ्तार कर लिया है। ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में पुलिस यूपी के कई अन्य जिलों में भी फर्जी नियुक्ति पत्र के दम पर नौकरी पाने वाले आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने का काम करेगी।फर्जी अध्यापकों को कार्यभार ग्रहण कराने में प्रथम दृष्टया दोषी 3 प्रधानाध्यापिकाओं के विरूद्ध माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा अनुशासनात्मक कार्यवाही की संस्तुति की गयी है। सम्बन्धित प्रधानाध्यापिकाओं का यह दायित्व था कि किसी भी नवनियुक्त अध्यापक को कार्यभार ग्रहण कराने से पूर्व जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से सत्यापन करा लें किन्तु उनके द्वारा सीधे कार्यभार ग्रहण कराकर कार्यभार ग्रहण आख्या प्रेषित की गयी, जिससे फर्जी अध्यापक कार्यभार ग्रहण करने में सफल हो सके।उक्त मामले में अन्य दोषियों की भी तलाश की जा रही है। संज्ञान में आने पर उनके विरूद्ध भी कठोर कार्यवाही की जायेगी।

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