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जबरिया रिटायर होंगे दागी अफसर-कर्मचारी

 


लखनऊ योगी सरकार 50 साल पूरे कर चुके भ्रष्ट और दागी अधिकारियों-कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट देगी। इसके लिए एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई है। कमेटी से 31 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी गई है। इसका शासनादेश मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने मंगलवार शाम को जारी कर दिया।सरकार ने ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए स्क्रीनिंग के लिए बाकायदा कमेटी बनाई है। इसमें विजिलेंस और CBCID के साथ स्क्रीनिंग कमेटी को जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही SIT को भी जांच के लिए लगाया है। इस टीम में सभी विभागों के HOD भी शामिल होंगे।400 अधिकारी-कर्मचारियों को किया जा चुका है जबरन रिटायर यूपी में अब तक 400 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है। यह आंकड़ा 2017 से अब तक का है। इससे पहले सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश के तीन IPS अधिकारियों अमिताभ ठाकुर, राजेश कृष्ण और राकेश शंकर को VRS दिया गया था।मुख्य सचिव ने साफ किया है कि यदि किसी कर्मचारी के मामले की पहले स्क्रीनिंग हो चुकी है तो उसे दोबारा कमेटी के सामने रखने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने निर्देश दिए कि ऐसे मामलों में यदि नियुक्ति प्राधिकारी के सामने कोई महत्वपूर्ण तथ्य सामने आया है तो वे किसी भी समय कर्मचारी को जबरन रिटायरमेंट दे सकते हैं। 

इनके खिलाफ हो सकती है कार्रवाई

जिन अधिकारियों- कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है या दोषी पाए गए हों।

ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो विभागीय जिम्मेदारी को पूरा नहीं करते हैं।

जिन अधिकारियों-कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार, रिश्वत या कोई और दाग हो।

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