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अवैध सम्बंध के शक में हुए मर्डर केस मे दोषी को आजीवन कारावास,कोर्ट ने ठोंका दस हजार का अर्थदंड


सुलतानपुर अवैध संबंध के शक में 11 वर्ष पूर्व हुई हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सप्तम की अदालत ने आरोपी को दोषी करार दिया है। जिसकी सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए जज पीके जयंत ने उसे आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।मामला संग्रामपुर थाना क्षेत्र के तुलापुर भैरोपुर गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले अभियोगी रामअवध यादव ने स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया। आरोप के मुताबिक तुलापुर गांव का ही रहने वाला उसके मौसी का लड़का सन्त कुमार यादव 21 अप्रैल 2011 को दिन में साइकिल से महुआ बेचने के लिए अमेठी गया था, जहां से वह  देर शाम तक वापस नहीं लौटा तो उसकी खोजबीन शुरू हुई। काफी खोजबीन के बाद उसका शव घऊघाट  के पास पीढीपुर पावर हाउस रोड पर पाया गया। सन्त कुमार के सिर पर धारदार हथियार से गहरी चोट पहुँचाई गई थी,घटना स्थल पर काफी खून भी पड़ा मिला और सन्त कुमार की साइकिल भी पास में पड़ी मिली। सूचना पाकर मौके पर पहुँचे रामअवध ने सन्त कुमार के शव की शिनाख्त की और मामले में अज्ञात के विरुद्ध हत्या की एफआईआर दर्ज कराई। तफ्तीश के दौरान पता चला कि समरजीत उर्फ राजू को अपनी पत्नी और सन्त कुमार यादव के बीच अवैध सम्बंध का शक था,जिसकी वजह से उसे योजनाबद्ध तरीके से धारदार हथियार से हमला कर मौत के घाट उतार दिया। मामले में तफ्तीश के दौरान मिले साक्ष्यों के आधार पर समरजीत उर्फ राजू के खिलाफ आरोप-पत्र कोर्ट में दाखिल हुआ। मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में चला। इस दौरान अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता संदीप कुमार सिंह ने छह गवाहों को परीक्षित कराया और घटना को साबित करने में सफल रहे। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अपने साक्ष्यों एवं तर्कों को प्रस्तुत कर समरजीत को बेकसूर बताने पर भरपूर प्रयास किया। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात सत्र न्यायाधीश पीके जयंत ने समरजीत उर्फ राजू को हत्या के अपराध में दोषी करार दिया। जिसकी सजा के बिंदु पर सुनवाई करते हुए आज बुधवार को अदालत ने आजीवन कारावास एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

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