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प्रधानमंत्री ने कहा- कुछ राज्य पेट्रोल-डीजल पर टैक्स नहीं घटा रहे इससे जनता पर बोझ बढ़ा

 


नई दिल्ली देश में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इसमें महामारी ओर यूक्रेन-रूस जंग के कारण देश की आर्थिक स्थिति पर हुए असर को लेकर भी चर्चा हुई। प्रधानमंत्री  ने राज्यों से उनके हिस्से का टैक्स घटाने की अपील की है, ताकि जनता पर महंगाई का बोझ कम किया जा सके।प्रधानमंत्री  ने इस दौरान पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोधी राज्य सरकारों पर निशाना भी साधा। उन्होंने कई राज्यों में पेट्रोल की कीमतों का अंतर गिनाया। कहा- मुंबई में 120 रुपए लीटर पेट्रोल है, जबकि पड़ोस के ही केंद्र शासित प्रदेश दमन दीव में यह 102 रुपए है। इसी तरह तमिलनाडु में 111 रुपए तो जयपुर में 118 रुपए लीटर है।इसके पहले उन्होंने कहा- मैं सभी कोरोना वॉरियर्स की प्रशंसा करता हूं, जिस तरह उन्होंने अब तक अपना काम किया है। कुछ राज्यों में कोरोना के केस बढ़ते रहे हैं, लेकिन कोरोना की चुनौती टली नहीं है। इसकी गंभीर हालत हो सकती है। ये यूरोप में देख रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में कई देशों में केस सामने आए हैं। हमने हालात को नियंत्रण में रखा है।पिछले दो हफ्तों में केस बढ़ने से यह समझ आया है कि हमें अलर्ट रहना है। हमारे पास कुछ महीने पहले जो लहर आई, उससे हमने बहुत कुछ सीखा। सभी ओमिक्रॉन से सफलता से निपटे, मुकाबला किया। दो साल के भीतर देश ने हेल्थ इंफ्रस्ट्रक्चर से लेकर ऑक्सीजन तक पर काम किया।तीसरी लहर में हालात नहीं बिगड़े। इससे वैक्सीनेशन को मदद मिली। हर राज्य में वैक्सीन जन जन तक पहुंची। हर भारतीय के लिए गौरव की बात है आज कि 96 प्रतिशत आबादी को पहली डोज, 15 साल से ऊपर 85 प्रतिशत को दूसरी डोज लग चुकी है। आप समझते हैं कि वैक्सीन ही सबसे बड़ा कवच है। देश में लंबे समय बाद स्कूल खुले हैं ऐसे में केस बढ़ने से चिंता बढ़ रही है। मार्च में हमने 12 से 14 के लिए, कल 6 से 12 के लिए कोवैक्सिन की परमिशन मिल गई है।आज भारत की अर्थ व्यवस्थाओं में केंद्र और राज्य सरकारों के सामंजस्य पहले से ज्यादा आवश्यक है। युद्ध के माहौल में दिनों-दिन चुनौतियां लेकर आया है। ऐसे संकट के समय में केंद्र और राज्यों के बीच में तालमेल को बढ़ाना और अनिवार्य हो गया है। जैसे पेट्रोल-डीजल की कीमतों का विषय सबके सामने है। देशवासियों पर इनकी बढ़ती कीमतों का बोझ कम करने के लिए राज्यों से आग्रह किया था कि वे अपने यहां टैक्स कम करें, इसके बाद कुछ राज्यों ने तो टैक्स कम कर दिया, लेकिन कुछ राज्यों ने अपने नागरिकों को इसका लाभ नहीं दिया, इसलिए इन राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें दूसरे राज्यों के मुकाबले ज्यादा हैं।कोरोना की चौथी लहर की आशंकाओं के बीच प्रधानमंत्री मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ यह पहली बैठक है। माना जा रहा था कि मीटिंग के दौरान देशभर में कोरोना की बूस्टर डोज को फ्री किए जाने का प्रस्ताव जारी किया जा सकता है लेकिन ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ।

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