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यूक्रेन से सुल्तानपुर पहुंची शहर की दो बेटियां


सुल्तानपुर की दो बेटियां शनिवार रात यूक्रेन से शहर पहुंची तो एक जश्न का माहौल देखने को मिला। जहां बेटियों के स्वागत में आतिशबाजी हुई वही भारतमाता के जयकारे के साथ मोदी जिंदाबाद के नारे भी लगे। इस बीच यह बेटियां जो दर्द उठाकर यहां पहुंची वो उनके चेहरे पर साफ झलकता नजर आया।

दरअस्ल सुल्तानपुर के कोतवाली नगर अंतर्गत शहर की सब्जी मंडी की रहने वाली छात्रा महिमा सिंह और निराला नगर की रहने वाली शुभांगी सिंह यूक्रेन में रहकर मेडिकल की शिक्षा ले रही थी। रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वहां बदले हालात के बीच इन बेटियों को वहां मुश्किल दौर से गुजरना पड़ा। छात्रा शुभांगी सिंह ने बताया कि मैं घर लौटकर बेटर के साथ-साथ अपने आप को सेक्योर फील कर रही हूं। उन्होंने बताया कि 28 फरवरी को सुबह 8 बजे हम अपने हॉस्टल से निकले थे अब हम अपने घर आ रहे हैं। हम यूक्रेन के कीव में थे। उन्होंने कहा अभी भी बहुत से छात्र वहां फंसे हैं उन्हें जल्द से जल्द लाया जाय। इसलिए कि पानी नहीं है-लाइट नहीं है। उन्होंने बताया कि लड़कियों के साथ तो फिर भी ठीक रहा लेकिन लड़कों के साथ बहुत समस्या है। बॉर्डर पर हम 9-9 घंटे माईंस टमप्रेचर पर खड़े रहे हैं। यूक्रेन में हमने खाने पीने का स्टॉक किया लेकिन बॉर्डर पर आने के बाद खाने की पीने की समस्या नहीं आई।वही महिमा सिंह सिंह ने बात करते हुए कहा कि मैं मेडिकल स्टूडेंट हूं और कीव में थी। हम दोनों ने साथ ट्रेवल किया तो जो इन्होंने फेस किया वही हमने भी फेस किया। अभी तो अच्छा फील हो रहा कि फाइनली एक हफ्ते बाद घर पहुंच गए हैं लेकिन अभी भी मेरी फ्रैंड वहां फंसी हैं मैं चाहती हूं उन्हें वहां से जल्द से जल्द निकाल लिया जाए। क्योंकि वहां पर सिचयुयेशन बहुत ज्यादा खराब हो रही है। उन्होंने काफी अहम बात कही, घर तो लौट आए हैं मगर अब टेंशन है हमारी स्टडीज का क्या होगा?

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