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प्रधानमंत्री ने भारत के भविष्य को लेकर युवाओं के सपनों का जिक्र किया

 


नई दिल्ली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। 2022 में यह 'मन की बात' का पहला एपिसोड था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- आज बापू की शिक्षा को याद करने का दिन है। पीएम ने भारत के भविष्य को लेकर युवाओं के सपनों का भी जिक्र किया। साथ ही यह भी अपील कि भ्रष्टाचार की दीमक से मुक्त हों।प्रधानमंत्री  ने कहा कि हमने गणतंत्र दिवस पर देश के शौर्य और सामर्थ्य की जो झांकी देखी।

अब गणतंत्र का समारोह 8 दिन तक 23 जनवरी यानी नेताजी की जयंती से शुरू होगा और 30 जनवरी यानी गांधीजी की पुण्य तिथि तक चलेगा। हमने देखा कि इंडिया गेट के समीप अमर जवान ज्योति और पास में नेशनल वॉर मेमोरियल की ज्योति को एक किया गया।इस भावुक अवसर पर शहीद परिवारों की आंखों में आंसू थे। मुझे सेना के कुछ पूर्व जवानों ने लिखा कि शहीदों की स्मृति के सामने प्रज्ज्वलित ज्योति शहीदों की अमरता का प्रतीक है। जब भी अवसर मिले तो अपने परिवार और बच्चों को नेशनल वॉर मेमोरियल जरूर जाएं। आपको अलग ऊर्जा और प्रेरणा का अनुभव होगापीएम ने कहा कि मुझे एक करोड़ से ज्यादा बच्चों ने अपने मन की बात लिखकर भेजी है। ये देश-विदेश से आए हैं। इनमें से काफी पोस्टकार्ड को पढ़ने की कोशिश की है। गुवाहाटी से रिद्धिमा ने लिखा कि वे आजादी के 100वें साल में ऐसा भारत देखना चाहती हैं, जो दुनिया का सबसे स्वच्छ देश हो, आतंकवाद से मुक्त हो, 100 फीसदी साक्षर हो। मैं कहता हूं कि हमारी बेटियां जो सपने देखती हैं, वे पूरे होते ही हैं। आपकी युवा पीढ़ी लक्ष्य बनाकर काम करेगी, तो भारत वैसा ही होगा जैसा चाहती हैं।उत्तर प्रदेश की नव्या लिखती हैं कि 2047 में ऐसा भारत देखना चाहती हैं, जहां सम्मान मिले सभी को, किसान खुशहाल हो और भ्रष्टाचार न हो। इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं।शिक्षा को लेकर जागरुकता समाज के हर वर्ग में दिख रही है। त्रिपुर के तायम्मल के पास कोई जमीन नहीं है। बरसों से इनका परिवार नारियल पानी भेजकर गुजर-बसर कर रहा है। उन्होंने अपने बेटे-बेटी को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने वहां के स्कूल के इन्फ्रास्ट्रक्चर को ठीक करने के लिए बीड़ा उठाया। पैसे की कमी थी। जिन्होंने नारियल पानी बेचकर कुछ पूंजी जमा की थी, उन्होंने एक लाख रुपए स्कूल के लिए दान कर दिए। ऐसा करने के लिए बहुत बड़ा दिल और सेवा भाव चाहिए।आईआईटी बीएचयू के पूर्व छात्र जय चौधरी ने साढ़े सात करोड़ रुपए डोनेट किए हैं। अलग-अलग क्षेत्रों से जुड़े बहुत लोग हैं, जो दूसरों की मदद कर रहे हैं। बेहद खुशी है कि इस तरह के प्रयास उच्च शिक्षा के क्षेत्र में लगातार मिल रहे हैं। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में भी ऐसे उदाहरणों की कमी नहीं है। पिछले साल हमने सितंबर में विद्यांजलि की शुरुआत की है। इसका मकसद देश के स्कूलों की शिक्षा में सुधार लाना है।

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