प्रधानमंत्री ने कहा नई यूपी को कोई वापस अंधेरे में नहीं धकेल सकता
लखनऊ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज मंगलवार को प्रयागराज में महिला सशक्तिकरण के कार्यकम में शामिल होने पहुंचे हैं। इस मौके उन्होंने बटन दबाकर 202 टेक होम राशन प्लांट का शिलान्यास किया। इसके साथ ही उन्होंने 60 लाख स्वयं सहायता समूहों के खातों में 1000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए। इससे 16 लाख महिलाओं को मदद मिलेगी। इसके पहले उन्होंने बैंकिंग सखियों, स्वयं सहायता समूह की महिलाओं और कन्या सुमंगला योजना की लाभार्थियों से बात की।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा प्रयागराज हजारों सालों से हमारी मातृशक्ति की प्रतीक माँ गंगा-यमुना-सरस्वती के संगम की धरती रही है।आज ये तीर्थ नगरी नारी-शक्ति के इतने अद्भुत संगम की भी साक्षी बन रही है।अभी यहाँ मुझे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की एक लाख से ज्यादा लाभार्थी बेटियों के खातों में करोड़ों रुपए ट्रान्सफर करने का सौभाग्य मिला।ये योजना गाँव-गरीब के लिए, बेटियों के लिए भरोसे का बहुत बड़ा माध्यम बन रही है।यूपी में विकास के लिए, महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए जो काम हुआ है, वो पूरा देश देख रहा है।उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने, माताओं-बहनों-बेटियों ने ठान लिया है अब वो पहले की सरकारों वाला दौर, वापस नहीं आने देंगी।डबल इंजन की सरकार ने यूपी की महिलाओं को जो सुरक्षा दी है, जो सम्मान दिया है, उनकी गरिमा बढ़ाई है, वो अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री ने कहा कि बेटियां कोख में ही ना मारी जाएं, वो जन्म लें, इसके लिए हमने 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के माध्यम से समाज की चेतना को जगाने का प्रयास किया।आज परिणाम ये है कि देश के अनेक राज्यों में बेटियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है।हमने गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण, अस्पतालों में डिलिवरी और गर्भावस्था के दौरान पोषण पर विशेष ध्यान दिया।प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना के तहत गर्भावस्था के दौरान 5 हज़ार रुपए महिलाओं के बैंक खाते में जमा किए जाते हैं, ताकि वो उचित खान-पान का ध्यान रख सकें।स्वच्छ भारत मिशन के तहत करोड़ों शौचालय बनने से,उज्जवला योजना के तहत गरीब से गरीब बहनों को गैस कनेक्शन की सुविधा मिलने से,घर में ही नल से जल आने से,बहनों के जीवन में सुविधा भी आ रही है और उनकी गरिमा में भी वृद्धि हुई है।आज हमारी सरकार की योजनाएं, इस असमानता को भी दूर कर रही हैं।प्रधानमंत्री आवास योजना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर दिये जा रहे हैं, वो प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं के ही नाम से बन रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि दशकों तक ऐसी व्यवस्था रही कि घर और घर की संपत्ति को केवल पुरुषों का ही अधिकार समझा जाने लगा।घर है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम।खेत है तो किसके नाम? पुरुषों के नाम।नौकरी, दुकान पर किसका हक? पुरुषों का।रोजगार के लिए, परिवार की आमदनी बढ़ाने के लिए जो योजनाएँ देश चला रहा है, उसमें भी महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया जा रहा है।मुद्रा योजना आज गांव-गांव में, गरीब परिवारों से भी नई-नई महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित कर रही है।दीनदयाल अंत्योदय योजना के जरिए भी देश भर में महिलाओं को सेल्फ हेल्प ग्रुप्स और ग्रामीण संगठनों से जोड़ा जा रहा है।महिला स्वयं सहायता समूह की बहनों को तो मैं आत्मनिर्भर भारत अभियान की चैपिंयन मानता हूं।ये स्वयं सहायता समूह, असल में राष्ट्र सहायता समूह है।बेटियाँ भी चाहती थीं कि उन्हें उनकी पढ़ाई लिखाई के लिए, आगे बढ़ने के लिए समय मिले, बराबर अवसर मिलें।इसलिए, बेटियों के लिए शादी की उम्र को 21 साल करने का प्रयास किया जा रहा है।देश ये फैसला बेटियों के लिए कर रहा है, लेकिन किसको इससे तकलीफ हो रही है, ये सब देख रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आप कुछ कह नहीं सकती थीं, बोल नहीं सकती थीं।क्योंकि थाने गईं तो अपराधी, बलात्कारी की सिफ़ारिश में किसी का फोन आ जाता था।योगी जी ने इन गुंडों को उनकी सही जगह पहुंचाया है।5 साल पहले यूपी की सड़कों पर माफियाराज था!यूपी की सत्ता में गुंडों की हनक हुआ करती थी!इसका सबसे बड़ा भुक्तभोगी कौन था?मेरे यूपी की बहन बेटियाँ थीं।उन्हें सड़क पर निकलना मुश्किल हुआ करता था। स्कूल, कॉलेज जाना मुश्किल होता था।आज यूपी में सुरक्षा भी है, अधिकार भी हैं।आज यूपी में संभावनाएं भी हैं, व्यापार भी है।मुझे पूरा विश्वास है, जब हमारी माताओं बहनों का आशीर्वाद है, इस नई यूपी को कोई वापस अंधेरे में नहीं धकेल सकता।
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