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अखिलेश यादव ने पांच ब्राह्मण नेताओं की बनाई कमेटी


लखनऊ । उत्तरप्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में ब्राह्मण वर्ग अब केंद्र में आ गया है। बहुजन समाज पार्टी के बाद अब समाजवादी पार्टी भी अपने परंपरागत वोट यादव-मुस्लिम के साथ ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए अगस्त से सम्मेलन आयोजित करेगी। सपा पार्टी ब्राह्मणों को जोड़ने का अभियान शुरू करने जा रही है।रविवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ पार्टी के पांच ब्राह्मण नेताओं ने करीब ढाई घंटे लंबी बैठक कर चिंतन-मंथन किया। इस बैठक में विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, पूर्व मंत्री मनोज पांडेय, प्रो. अभिषेक मिश्रा, पूर्व विधायक संतोष पांडेय और बलिया से पूर्व विधायक सनातन पांडेय व पवन पांडेय शामिल थे।बैठक में तय हुआ कि पार्टी  पहला ब्राह्मण सम्मेलन मंगल पांडेय की धरती बलिया में आयोजित करेगी। सपा सरकार में धर्मार्थ कार्य मंत्री रहे मनोज पांडेय का कहना है कि उस वक्त तत्कालीन मुख्यमंत्री यादव के निर्देश पर स्वर्ण यात्र योजना शुरू की थी। जिसमें तीर्थस्थलों की यात्रा निशुल्क करवाई जाती थी। भाजपा में ब्राह्मणों का सजावटी इस्तेमाल है। जबकि गरीबी, बदहाली और उत्पीड़न के शिकार ब्राह्मणों के गरीब बच्चों को नौकरियां चाहिए।माना जा रहा है कि सपा अब ब्राह्मणों को लुभाने के लिए नए सिरे से रणनीति बना रही है।

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