ब्रेकिंग न्यूज

कोरोना से बचाना तो अगस्त से रोज लगानी होंगी 90 लाख वैक्सीन


नई दिल्ली। देश में भले ही वैक्सीन की कमी देखी जा रही है, मगर जुलाई के बाद वैक्सीन के उत्पादन में बढ़ोतरी से यह संकट दूर हो जाएगा। केंद्र सरकार ने अनुमान जताया है कि अगस्त से दिसंबर के बीच भारत के पास करीब 200 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की खुराकें उपलब्ध होंगी, जिससे 18 से 45 साल वाले आयु वर्ग के लोगों के लिए भी वैक्सीनेशन की रफ्तार तेज होगी। साथ ही यह संभावना जताई है कि इस साल के अंत तक 18 प्लस आयु वर्ग के सभी लोगों को टीका लगा दिया जाएगा। तो चलिए जानते हैं कि सरकार ने जो अनुमान लगाया है और अभी जो वैक्सीनेशन की रफ्तार है, उसके हिसाब से दिसंबर तक सभी वयस्क आबादी को टीका लगाने में एक दिन में सरकार को कितने लोगों को वैक्सीन लगानी होगी।देश में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान के रूप में जंग की शुरुआत हुई थी। 16 जनवरी से चल रहे टीकाकरण अभियान के आज शनिवार को चार महीने यानी 120 दिन पूर हो रहे हैं। इन 120 दिनों में भारत में अब तक करीब 18 करोड़ वैक्सीन की डोज लगाई गई है। अगर औसत की बात करें तो एक दिन में भारत ने अब तक 15 लाख वैक्सीन के डोज लगाए हैं। हालांकि, पिछले चार महीने में भले ही टीकाकरण की रप्तार कम रही हो और औसतन 15 लाख डोज के हिसाब से एक दिन में वैक्सीन लगी हो, मगर, अब वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी देखी गई है। पिछले सप्ताह देश में एक दिन में औसतन 17 लाख वैक्सीन के डोज लगाए गए हैं। सरकार का अनुमान है कि जुलाई के अंत तक वैक्सीन की सप्लाई में बढ़ोतरी होगी। टीओआई की खबर के मुताबिक, भारत में अनुमानित वयस्‍क आबादी करीब 94 करोड़ है और इस आबादी को टीका लगाने के लिए 188 करोड़ डोज की जरूरत होगी। वयस्क आबादी को वैक्सीन लगाने के लिए साल के बाकी 231 दिनों में 170 करोड़ डोज की जरूरत होगी। यानी अगर सप्ताह के सातों दिन जोड़ लिए जाए तो हर दिन करीब 73.6 लाख खुराकें लगानी होंगी। इस तहह से देखें अभी जो टीकाकरण की रफ्तार है उसके औसत के हिसाब से करीब पांच गुना ज्‍यादा खुराकें लगानी होंगी।सरकार का अनुमान है कि देश में जून में 10 करोड़ और जुलाई में 15 करोड़ वैक्सीन के डोज उपलब्ध होंगे। अगले 78 दिनों या फिर जुलाई के अंत तक सरकार का अनुमान है कि भारत में 33 करोड़ टीके लगा दिए जाएंगे। अगर ऐसा होता है तो एक अगस्त से 31 दिसंबर तक कोरोना वैक्सीन की 137 करोड़ डोज लगानी बच जाएंगी। इसका मतलब है कि अगर सप्ताह के सातों दिन वैक्सीनेशन अभियान चले तो हर दिन औसतन 90 लाख खुराकें लगानी होंगी, तभी अनुमानित वयस्कों को वैक्सीन मिल पाएगी।

कोई टिप्पणी नहीं