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पंचायत चुनाव, कई जिलों में जातिवार फर्जी आरक्षण सूची वायरल


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अभी ग्राम पंचायतों की आरक्षण सूची आधिकारिक रूप से अभी जारी नहीं हुई है, लेकिन लोगों के मोबाइल पर विभिन्न ब्लाकों के ग्राम सभाओं की आरक्षण सूची वायरल होने लगी है। प्रधान पदों के दावेदार इस सूची की सत्यता जानने के लिए प्रयास में लगे हैं। मीडियाकर्मियों से लेकर ब्लाक व तहसील के अधिकारियों-कर्मचारियों तक के मोबाइल फोन ऐसी सूचनाओं के लिए घनघना रहे हैं। यही नहीं, अपने पंचायत, ब्लॉक व जिला पंचायत की स्थिति जानने के लिए मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय जिला पंचायत राज कार्यालय में संभावित उम्मीदवार व उनके चहेतों की भीड़ सुबह से जुट गई है। सुलतानपुर में सूत्रों की मानें तो आरक्षण निर्धारण समिति में शामिल अधिकारी व कर्मचारी गुप्त तरीके से अधिकारियों की निगरानी में आरक्षण सूची की जांच कर रहे हैं। वर्ष 2020 का पंचायत चुनाव 30 अप्रैल 2021 तक कराने का आदेश कोर्ट ने दिया है। इसके बाद से तैयारियां तेज हो गयी हैं। शासनादेश के अनुसार जिला पंचायत राज विभाग से ब्लॉक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य वार्ड, ग्राम पंचायत का आरक्षण निर्धारित करना है। जबकि ब्लॉक के बीडीओ व एडीओ पंचायत द्वारा क्षेत्र पंचायत समिति का आरक्षण तय करना है। रविवार को छुट्टी के दिन होने के बाद भी सुबह 11 बजे से देर रात तक सूची फीडिंग का कार्य हुआ। 

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