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जिले के स्वास्थ्य महकमे के ई टेंडर में हुआ बड़ा खेल


सुलतानपुर।यूपी के योगी सरकार चाहे जितना जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का दावा कर ले लेकिन दिन प्रतिदिन गड़बड़ घोटाले की खबर किसी न किसी जिले से आती ही रहती है।ऐसा ही एक मामला सीएमओं दफ्तर का है।जहां पर 41 वाहनों के पौने चार करोड़ के ई-टेंडर में सीएमओ व उनके बाबुओं ने पिछली फर्म को फिर सेटिंग गेटिंग कर सहमति दे दी है।  बता दे कि वाहनों की इस  ई टेंडर प्रकिया में अन्य जिलों में पूरे यूपी के फर्मो को आवेदन करने का अधिकार है।वही इस जिले में अभी तक काम कर रही फर्म को लाभ पहुंचाने के लिये यूपी के बजाय अयोध्या मण्डल के फर्म को आवेदन करने के लिये निविदा निकाली गई।इससे स्पष्ट है कि सीएमओ डॉ धर्मेंद्र त्रिपाठी व मातहत बाबूओ की संलिप्तता अवश्य है।इस टेंडर में कुल 17 फर्मो ने आवेदन किया था जिसमे में 7 फर्मे ऐसी थी जिनके कागजात व दस्तावेज पूरे थे लेकिन सीएमओ साहब ने छुट्टी के दिन ही अन्य सभी फर्मों को अमान्य करते हुए अपनी चहेती फर्म के नाम टेंडर पारित कर दिया।जबकि विगत 25 फरवरी को शिकायतकर्ता एक बार फिर शुभम सिंह ने ई टेंडर में घाल मेल की शिकायत सीएम,मंत्री,कमिश्नर,डीएम,एसडीएम से की थी और उच्चाधिकारियों ने जांच के आदेश भी दिए थे लेकिन मनबढ़ सीएमओ ने बिना शिकायतों के निस्तारण के टेंडर खोलते हुए अंतिम रूप दे दिया गया है।जिससे योगी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति पर जिले का स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर कालिख पोतने का काम किया है फिलहाल सीएम,स्वास्थ्य मंत्री,कमिश्नर से अन्य फर्मो ने शिकायत की ।फिर भी कोई एक्शन के बजाय लीपापोती कर लाभ पहुंचाया जा रहा है।जबकि सीएम व स्वाथ्य मंत्री व अफसरों से शिकायत के बाद टेंडर प्रक्रिया को निरस्त कर नए सिरे पारदर्शी टेंडर होता तो लग रहे आरोपो पर विराम लग जाता।

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