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राहुल गांधी पर बरसी स्मृति ईरानी:अमेठी लोकसभा क्षेत्र ने ऐसा समय देखा जब सांसद पांच साल में एक दफा वोट मांगने आता था नजर


अमेठी।केंद्रीय मंत्री एवं अमेठी सांसद गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र के एक दिवसीय दौरे पर पहुंची। अमेठी लोकसभा के सलोन विधानसभा अंतर्गत परशदेपुर के स्वर भारती विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में स्मृति ईरानी ने मंच से कहा कि "सलोन विधानसभा क्षेत्र और अमेठी लोकसभा क्षेत्र ने ऐसा समय देखा जब सांसद पांच साल में एक दफा वोट मांगने नजर आता था।" और उसी सलोन विधानसभा क्षेत्र में कुछ दिन पूर्व डीह ब्लाक में हमने प्रधानमंत्री की मन की बात बैठकर सुनी तब पहली बार डीह ब्लाक में जनता को एक ऐसा चित्र देखने को मिला की सांसद, विधायक और जिले का अधिकारी खड़े थे और जनता सामनें से अपना प्रस्ताव ला रही थी। और वहां त्वरित रुप से जनता को उसका समाधान मिला।

सलोन विधानसभा को दिया 6.46 करोड़ की सड़कों और पुल की सौगात

उल्लेखनीय रहे कि महिला एवं बाल कल्याण केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सलोन विधानसभा अंतर्गत परशदेपुर के स्वर भारती विद्यालय में आज लोक निर्माण विभाग द्वारा बनने वाली 6.46 करोड़ की सड़कों और पुल का लोकार्पण और शिलान्यास किया। यहां मंच से लोगों को संबोधित करते हुए स्मृति ईरानी ने आगे कहा कि वर्षों से सांसद से वंचित अमेठी, वर्षों से सांसद संपर्क से वंचित सलोन विधानसभा। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओ के कर कमलों के द्वारा निरंतर सेवा को प्राप्त करेगी। इस संकल्प को फली फूत होते देख जनता जनार्दन ने मुझे 2019 में दीदी से सांसद बनाया। आज आप सबके सम्मुख आपके स्नेह देने के लिए आपके चरणों में प्रणाम करने के लिए आपका आभार व्यक्त करते हैं।

डेढ़ साल में सलोन विधानसभा की बहनों को जीवन में पहली बार 30 हजार 800 से ज़्यादा गैस सिलेंडर कराया मुहैया

उन्होंने ये भी कहा कि साल 2014 में मुझे याद है जब आपके मध्य में आए तो संघर्षों से भरा सलोन विधानसभा त्राहि माम कर रहा था। बहनों को सामर्थ बनाने का कोई साधन मिले। परिवारों को सर ढाकने के लिए छत मिले। नवजवानों को शिक्षा का साधन मिले और सलोन विधानसभा का नागरिक प्रगति के पद पर नई उम्मीदों के साथ देश के साथ और अमेठी जनपद के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चले। उसी श्रंखला में आज जब आपके मध्य में आई हूं तो मुझे इस बात का गौरव होता है कि प्रधानमंत्री ने सलोन विधानसभा में डेढ़ साल में यहां की बहनों को जीवन में पहली बार 30 हजार 800 से ज़्यादा गैस सिलेंडर मुहैया कराया।

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