मिशन शक्ति को आशक्त कर रही नगर कोतवाली की पुलिस
दहशत के साये में जी रहा फ़ौजी का परिवार
अधूरी कार्यवाई से पीड़िता का उठा पुलिस से भरोसा
सुलतानपुर।बारामूला में तैनात जिले के जवान की बेटी को एक दशक से न्याय नहीं मिल सका है।जमीन से जुड़े मसले पर दो माह पूर्व पड़ोसी दबंगो ने उक्त जमीन पर जबरन मोहारा खोल लिया।विरोध करने पर पीड़िता के घर तक दबंग चढ़ गया।पीड़िता ने दरवाजा बन्द किया तो अपराध कारित करने के लिए खुला चैलेंज भी किया गया।मिशन शक्ति के शुभारंभ के मौके पर काफी उम्मीदें लेकर गई बिटिया को आश्वासन से ही संतोष करना पड़ा।बीजेपी की योगी सरकार एक ओर जहां मिशन शक्ति योजना के तहत पीड़ित महिलाओं को न्याय देने के लिए कोई कोर कसर बाकी नही रखना चाहती वहीं सुल्तानपुर की पुलिस के व्यवहार से एक महिला न्याय की उम्मीद खोती जा रही है। इस योजना के शुभारंभ के अवसर पर सुलतानपुर जिले में सेना के जवान की बेटी ने जिले के जिम्मेदार बड़े अफसर से लेकर स्थानीय विधायक तक कि के चौखट पहुँची, दर्द साझा किया लेकिन मरहम किसी ने नही रखा।यह एक बानगी है जो मिशन शक्ति योजना पर अधिकारियों की नीयत को नग्न कर देता है।बकौल पीड़ित महिला उसकी फरियाद को अनसुना कर दिया गया है।मामला नगर कोतवाली स्थित आदर्श नगर पलटू का पुरवा मोहल्ले का है।यहाँ के रहने वाले भीम सेन सिंह सीआरपीएफ बारामूला में पोस्टेड हैं। भीमसेन की बेटी मनीषा सिंह ने बताया कि घर में वह अपनी मां और दादी के साथ रहती है। पड़ोस के घनश्याम पाण्डेय के तीन लड़के- रमेश पाण्डेय, रत्नेश पाण्डेय और दुर्गेश पाण्डेय हैं।इन्ही पड़ोसी परिवार से जमीन को लेकर एक विवाद साल 2011 से चल रहा है। पीड़िता मनीषा ने बताया कि वह सरकार की मिशन शक्ति योजना को ध्यान में रखते हुए अपनी समस्या लेकर डीएम-एसपी के पास गई लेकिन कहीं से कोई सुनवाई नहीं हुई।मनीषा ने कहा कि उन्होंने बड़ी मशक्कत से कोतवाली नगर में मुकद्दमा दर्ज कराया है लेकिन दो माह बीतने को है उनकी एफआईआर को दर्ज कर पुलिस ने कोई कार्यवाई नही की।डर का माहौल बना हुआ है।पड़ोसी की दबंगई से हमेशा जान का खतरा बना हुआ है।मनीषा ने कहा कि दबंगो के दरवाजे पर पुलिस आती ही नहीं है।मनीषा ने बताया कि जमीन के विवाद के चक्कर में आरोपी तीनों लोग आए दिन उनके साथ टीका-टिप्पणी और छेड़खानी करते हैं और वीडियो बनाते हैं। उन्होंने कहा, 'मैं जिस रास्ते से निकलती हूं, वहां वे कई लड़कों को लेकर खड़े रहते हैं। हमने रास्ता बदल दिया। 1090 पर फोन भी किया और पुलिस कंट्रोल रूम से मेरे पास फोन भी आया। उसके बाद वहां से केस कोतवाली ट्रांसफर हुआ वहां से भी मेरे पास कॉल आई लेकिन कभी उनके दरवाजे पर पुलिस आती ही नहीं है।
दो माह पूर्व जबरन खोल लिया था दरवाजे का मुहारा
मनीषा ने यह भी बताया कि साल 2001 में यह जमीन लेकर घर बनवाया गया है, जिसके बैनामे पर साफ-साफ लिखा है कि आरोपियों के पिता घनश्याम पाण्डेय के पूरब की तरफ पांच फुट का रास्ता है। वे लोग इसे अपना बता रहे हैं। इसी के चलते 16 अगस्त 2020 को शाम के समय धारदार हथियार लेकर घर आए और उन्होंने हमारे रास्ते में अपनी पूरी दीवार तोड़ ली।जिसका फुटेज कैमरे में कैद है। उसमें अंदर से दरवाजा लगा रखा था। पीड़िता के घर पर कैमरा लगा था जिसमें पूरी घटना रिकॉर्ड हो गई।मनीषा ने कहा कि पुलिस ने 354 के तहत मुकदमा दर्ज कर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। एसपी केउन्होंने कहा हमें सब वॉट्सऐप कर दीजिए। एसपी से कई बार फरियाद की गई।तब वहां से फोन आया कि आपका केस दर्ज होकर चार्जशीट जा चुकी है, लेकिन मनीषा का कहना है कि आरोपियों को न तो पुलिस ने पकड़ा और न ही कोई हिदायत दी।जिसके कारण उनके घर की महिलाओं का जान पर बराबर खतरा मंडरा रहा है।
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