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शिक्षा विभाग का एक और कारनामा उजागर,भ्रष्टाचार में लिप्त एक और विद्यालय प्रशासन मौन,शिकायतकर्ता को दी जा रही जान से मारने की धमकी


सुलतानपुर।एक और विद्यालय का कारनामा उजागर हुआ है जोकि नेशनल एजुकेशनल इंस्टिट्यूट ग्राम सरैया पूरे विशेष परगना मीरानपुर तहसील सदर सुल्तानपुर इसके प्रबंधक मोहम्मद आरिफ सुत मोहम्मद अहमद है शिकायतकर्ता अब्बास अहमद एडवोकेट ने यह आरोप लगाया है कि नेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट का कुल रकबा 0.780हे.बैनामा दिनांक 17-2-09 को जरिए बैनामा रजिस्ट्री प्राप्त किया है और उसी के आधार पर अपने स्कूल की इंटरमीडिएट की मान्यता में लगाया है जोकि अनिवार्य शर्तों के विपरीत है तथा कम क्षेत्रफल मैं है और इंस्टिट्यूट के भूमि भवन खेल का मैदान कम क्षेत्रफल में है तथा मौजूद भी नहीं है प्रयोगशाला लाइब्रेरी इत्यादि स्थिति नहीं है तथा कमरों की संख्या मानक के अनुसार कम है बताते चलें कि इसके पहले नेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में दी गई सांसद निधि को भारत सरकार सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यावयन मंत्रालय सरदार पटेल भवन नई दिल्ली द्वारा वसूली करने के आदेश पारित हुए थे तथा इसके पूर्व जिला अधिकारी के धनलक्ष्मी जी के द्वारा 17-1-2013 को उपरोक्त विद्यालय संस्था के निर्माण में लागत ₹2,70,000 सांसद निधि का वसूली का आदेश पारित हुआ था तथा इसके उपरांत उप जिलाधिकारी महोदय श्री शंकर लाल पांडे द्वारा 6-4-2010 को विद्यालय का पंजीयन निरस्त कराने का आदेश मके द्वारा दिया जा चुका है फिर भी विद्यालय अवैध रूप से संचालित है तथा अपर जिलाधिकारी महोदय सुल्तानपुर द्वारा स्टांप शुल्क चोरी करने के बाबत दिनांक 18-12 2019 को स्टांप शुल्क 103850.008 ₹ वह 5000 अर्थदंड वसूली का आदेश पारित हुआ था तथा शिकायत कर्ता ने बताया कि नेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में छात्र-छात्राओं का भविष्य अंधकार में हैं क्योंकि उनकी जान माल की सुरक्षा के लिए प्रबंधक द्वारा कोई ठोस व्यवस्था नहीं किया गया है 

बताते चले की इसी क्रम में  दिनांक 14-9- 2019 को  नेशनल एजुकेशनल इंस्टीट्यूट की के 2व्यक्तियों की मृत्यु भी हो चुकी है इसके संबंध में एक मुकदमा अपराध संख्या 289/19 अंतर्गत धारा 279 337 338 304 a IPC थाना धम्मौर में पंजीकृत है और चार्जशीट लग करके न्यायालय में जा चुकी हैं जो कि न्यायालय में मुकदमा विचरण में है और तो और विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों के द्वारा यह भी ज्ञात हुआ कि छात्रवृत्ति में भी तमाम गड़बड़ी व घोटाले किए गए हैं बताते चलें कि शिकायतकर्ता ने बताया कि जब इस बाबत जिला विध्यालय निरीक्षक को सूचित किया गया और शिकायत की गई और उनसे इस आशय की जानकारी मांगा गया जिसमें उन्होंने मात्र रिकवरी के बारे में ही बताया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा स्थगन आदेश प्राप्त है और सारे बिंदुओं पर कोई जवाब नहीं दिया गया ! बताते चलें इस बारे में जब हमने कार्यवाहक जिला विद्यालय निरीक्षक जेपी यादव से बात करने का प्रयास किया तो पहले तो उन्होंने टालमटोल किया और बताया इस बाबत जांच चल रही है जांच उपरांत ही बता पाएंगे जब हम दोबारा उनके पास गए  बताया कि मैंने रिटायरमेंट है मैं कोई जवाब नहीं दूंगा यह जो आई है यह मैं आपको दे दे रहा हूं इससे प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं विद्यालय के प्रबंधक के द्वारा शिक्षा विभाग में अधिकारियों कर्मचारियों को गुमराह करके वाह हम वार करके इस तरह का जलसा जी का कार्य किया गया है।

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